औद्योगिक शहर बहादुरगढ़ में श्रमिकों और बीमित कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) सेक्टर-4बी में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की ओर से लगभग 68 करोड़ की लागत से बन रहा 100 बेड का आधुनिक ईएसआई अस्पताल का कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। निर्माण एजेंसी के साइट इंजीनियर राजकिशोर शुक्ला के अनुसार अस्पताल का सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है, जबकि इलेक्ट्रिकल कार्य तेज गति से चल रहा है। दावा है कि फरवरी 2026 तक यह अस्पताल पूरी तरह तैयार होकर विभाग को हैंडओवर कर दिया जाएगा।
अस्पताल बनने के बाद बहादुरगढ़ के करीब एक लाख से अधिक बीमित श्रमिकों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। फिलहाल गंभीर मरीजों को दिल्ली स्थित बसईदारापुर ईएसआई अस्पताल या निजी पैनल अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है। वहीं प्राथमिक स्तर पर शहर में तीन डिस्पेंसरी तो हैं, लेकिन वे केवल सामान्य जांच और हल्की दवाइयों तक सीमित हैं। ऐसे में अधिकांश ईएसआई से जुड़े मरीजों का भार सिविल अस्पताल पर ही रहता है। चार साल से अधूरा है निर्माण, अब तय हुई नई समय-सीमा
बहादुरगढ़ में 100 बेड के इस अस्पताल की घोषणा नवंबर 2018 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की थी। वर्ष 2019 में शिलान्यास भी हुआ, मगर निर्माण कार्य दिसंबर 2021 में शुरू हो पाया। तय समय के अनुसार यह अस्पताल दिसंबर 2023 में बनकर तैयार होना था, परंतु निर्माण कार्य दो साल से अधिक की देरी से चल रहा है। अब इंजीनियरिंग टीम का कहना है कि फरवरी 2026 तक अस्पताल पूरा होकर सौंप दिया जाएगा। इस अस्पताल के बनने में सबसे बड़ी बाधा भूजल स्तर के ऊपर होने और ड्राइंग चेंज होना रही।
साइट इंजीनियर राजकिशोर शुक्ला ने बताया कि सिविल स्ट्रक्चर का कार्य पूरा है। इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन, डक्टिंग, फायर सेफ्टी और अन्य तकनीकी कार्य जारी हैं। फरवरी 2026 तक बिल्डिंग पूरी तरह उपयोग के लिए तैयार हो जाएगी। इसके बाद ईएसआईसी विभाग की ओर से मशीनरी इंस्टॉल कर स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। श्रमिकों की बड़ी जरूरत है यह अस्पताल
बहादुरगढ़ एक प्रमुख औद्योगिक हब है। यहां हरियाणा, दिल्ली, यूपी, राजस्थान, बिहार, झारखंड, एमपी और बंगाल जैसे राज्यों के हजारों कामगार काम करते हैं। शहर में सात हजार से अधिक छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां और देश का पहला फुटवियर पार्क होने के कारण बीमित व्यक्तियों (IP) की संख्या एक लाख से अधिक है। हर माह उनके वेतन से ईएसआई फंड में राशि जमा होती है, लेकिन बदले में मिलने वाली सुविधाएं बेहद सीमित हैं। यही कारण है कि श्रमिकों के साथ उद्योगपति भी लंबे समय से ईएसआई अस्पताल की मांग करते आ रहे हैं।
उद्योगपति नरेंद्र छिकारा व सुभाष जग्गा का कहना है कि अस्पताल बनने के बाद शहर पर बोझ कम होगा और श्रमिकों को समय पर बेहतर इलाज उपलब्ध होगा। उद्योग जगत जल्द ही सरकार से मुलाकात कर मशीन इंस्टॉलेशन और स्टाफ भर्ती की प्रक्रिया तेजी से शुरू करने की मांग भी करेगा। बहादुरगढ़ को मिलेगी बड़ी स्वास्थ्य सुविधा 100 बेड की क्षमता वाला यह अस्पताल पूरी तरह आधुनिक तकनीक से लैस होगा। ओपीडी, इमरजेंसी, लेबर रूम, ऑपरेशन थिएटर, डायलिसिस यूनिट, ICU, एक्स-रे, लैब और फार्मेसी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। अस्पताल शुरू होने के बाद ईएसआई के मरीजों को अब दिल्ली या निजी अस्पतालों की ओर नहीं भागना पड़ेगा। बहादुरगढ़ के श्रमिकों और उद्योगपतियों को अब इस बात की उम्मीद है कि फरवरी 2026 के बाद शहर में स्वास्थ्य सुविधाओं का एक बड़ा अंतर खत्म होगा और क्षेत्र को एक बड़ी राहत मिलेगी।


