हाथरस में कांग्रेस जिलाध्यक्ष विवेक उपाध्याय ने उत्तर प्रदेश में चल रही स्पेशल इंटीग्रेटेड रिवीजन (SIR) प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार के दबाव में चुनाव आयोग यह प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से संचालित करने में विफल साबित हो रहा है। उपाध्याय का आरोप है कि सरकारी मशीनरी ने बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) को बिना पर्याप्त प्रशिक्षण के घर-घर जाकर फॉर्म भरवाने की जिम्मेदारी सौंप दी, जिससे व्यवस्था जमीनी स्तर पर लड़खड़ा गई है। कई बीएलओ अत्यधिक दबाव में मानसिक तनाव झेल रहे हैं और नौकरी छोड़ने तक की स्थिति में पहुंच रहे हैं। इसके चलते वे घर-घर जाने के बजाय एक ही स्थान पर बैठकर फॉर्म भरवाने की औपचारिकता निभा रहे हैं। लोगों की सुनवाई नहीं हो रही उन्होंने कहा कि मतदाताओं को भी फॉर्म भरने में अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह लोगों की सुनवाई नहीं हो रही और बीएलओ उपलब्ध ही नहीं हैं। ‘ कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा संगठन के लोग सक्रिय होकर सिर्फ अपने समर्थकों के फॉर्म भरवा रहे हैं, जबकि विपक्षी मतदाताओं को SIR प्रक्रिया से बाहर रखने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि अन्य राज्यों में भी इसी तरह की शिकायतें सामने आई हैं, जिससे प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल और गहराए हैं। कांग्रेस करेगी विरोध प्रदर्शन उपाध्याय ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि SIR प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की जल्दबाज़ी न की जाए और हर पात्र मतदाता का नाम शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी तरह की गड़बड़ी सामने आती है, तो उसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से शासन-प्रशासन की होगी। उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस पार्टी सड़क पर उतरकर कड़ा विरोध प्रदर्शन करेगी, अगर SIR प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं की गई।


