आना-जाना स्थायी नहीं, भक्ति ही है अनंत : पीयूष मुनि महाराज

आना-जाना स्थायी नहीं, भक्ति ही है अनंत : पीयूष मुनि महाराज

लुधियाना| किचलू नगर तथा न्यू किचलू नगर के संयुक्त चातुर्मास के समापन दिवस पर जैन स्थानक में भावपूर्ण विदाई समारोह आयोजित किया गया जिसमें स्थानीय तथा आस-पास के इलाकों से श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित हुए। आत्म तरा‌णी मंडल, आत्म नव तरुणी मंडल, महावीर जैन युवक मंडल एंड लेडीज विंग, जैन सभा किचलू नगर- न्यू किचलू नगर के पदाधिकारियों ने भजनों तथा संबोधनों से श्रद्धा-भक्ति अभिव्यक्त की। गुरु चरणों के प्रति भक्ति झलकाते हुए भजनों की पंक्तियों ने सभी को भावुक एवं भाव विह्वल किया। चातुर्मास में सम्पन्न धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक गतिविधियों का उल्लेख करते हुए सभी वक्ताओं ने इसे स्वर्णिम इतिहास बताया। दैनिक सत्संग के माध्यम से दिए जीवन निर्माण सूत्रों को अनमोल धरोहर के रूप में सहेजकर अपना जीवन वर्तमान तथा भविष्य उज्ज्वल बनाने की बात सभी वक्ताओं के वक्तव्य का केंद्र बिंदु रही। भारत संत गौरव पीयूष मुनि महाराज ने श्रीसंघ के सभी पदाधिकारियों तथा सदस्यों द्वारा चातुर्मास की अवधि में दिखाए भक्तिपूर्ण समर्पण भाव को अपने स्मृति कोष की बहुमूल्य सम्पत्ति बताया। उन्होंने कहा कि समय प्रवाहमान रहने के कारण जब जीवन भी बीत जाता है तो चार माह की अवधि तो जल्दी ही गुजर जाती है। मिलने के साथ बिछुड़ना, संयोग के साथ वियोग, आने के साथ जाना जुड़ा ही रहता है। महत्ता आने-जाने में न होकर उनके बीच में रहे समय से अधिक-अधिक लाभ उठाने में है। चातुर्मासिक पक्खी के उपलक्ष्य में पौषध, उपवास, एकाशना की तपस्या विपुल संख्या में हुई। महामंत्र नवकार का चौबीस घटों का अखण्ड जाप रखा गया और सायंकालीन प्रतिक्रमण में चौरासी लाख जीव योनियों के समस्त प्राणियों से जाने-अनजाने में हुई भूलों के लिए क्षमायाचना की गई। विपाक सूत्र प्रवचन ग्रन्थ परीक्षा के उच्च स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों को श्रुत सम्मान राकेश-मीनाक्षी जैन (मीनाक्षी क्रिएशन्ज) की ओर से दिया गया। मंच संचालन महामंत्री संजीव जैन शाह ने किया। महामंत्री राकेश जैन, मंत्री गौरव जैन, प्रधान संजीव जैन सोनू, युवक संघ न्यू किचलू नगर सचिव दिनेश जैन, गोल्फ लिंक महासचिव रमेश जैन ने अपने उद्‌गार प्रकट किए।

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