वाट्सन उच्च विद्यालय और नगर भवन में रंगारंग प्रस्तुतियां:मधुबनी में युवा उत्सव का दूसरा दिन, नवाचार से संबंधित लगे स्टॉल

कला एवं संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में राज्यस्तरीय युवा उत्सव 2025 का दूसरा दिन बुधवार को मधुबनी में संपन्न हुआ। यह आयोजन वाट्सन उच्च विद्यालय और नगर भवन में किया गया। राज्य के विभिन्न जिलों से आए युवा प्रतिभागियों ने अपनी कला और प्रस्तुतियों से वातावरण को जीवंत बना दिया। दूसरे दिन की शुरुआत सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुई, जिसमें समूह लोक नृत्य और समूह लोक गायन प्रतियोगिताएं शामिल थीं। प्रतियोगिताओं के दौरान प्रतिभागियों ने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक सरोकारों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। वाट्सन उच्च विद्यालय में मधेपुरा, पूर्णिया, समस्तीपुर, रोहतास, सीतामढ़ी और पश्चिमी चंपारण सहित कई जिलों के प्रतिभागियों ने समूह लोक नृत्य से दर्शकों का मन मोह लिया। पश्चिमी चंपारण के प्रतिभागियों ने ‘कैसे खेले जइबू सावन में कजरिया, बदरियां घिरी आयी ननदी’ कजरी लोकगीत पर समूह नृत्य प्रस्तुत किया, जबकि सीतामढ़ी के प्रतिभागियों ने ‘जट-जटिन’ लोकगीत पर नृत्य से सबका ध्यान खींचा। नगर भवन मधुबनी में कैमूर जिले के प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत ‘चल जा विदेशवा के ओर, बलम हो’ समूह गायन की भी खूब प्रशंसा हुई। कार्यक्रमों के बीच निर्णायक मंडल के सदस्यों ने प्रतिभागियों के प्रदर्शन की सराहना की और उन्हें बेहतर करने के लिए आवश्यक सुझाव भी दिए। दर्शकों में प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों को मोबाइल में रिकॉर्ड करने की होड़ देखी गई। दूसरे दिन वाट्सन उच्च विद्यालय परिसर में नवाचार से संबंधित स्टॉल भी लगाए गए थे, जहां प्रतिभागियों ने अपने नवाचारों के बारे में दर्शकों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। युवाओं की सक्रिय भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि राज्य की युवा शक्ति विविध प्रतिभाओं से परिपूर्ण है। वाट्सन उच्च विद्यालय में कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. अभिषेक कुमार ने किया, जबकि नगर भवन में शिव नारायण मिश्र ने यह जिम्मेदारी संभाली। कला एवं संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में राज्यस्तरीय युवा उत्सव 2025 का दूसरा दिन बुधवार को मधुबनी में संपन्न हुआ। यह आयोजन वाट्सन उच्च विद्यालय और नगर भवन में किया गया। राज्य के विभिन्न जिलों से आए युवा प्रतिभागियों ने अपनी कला और प्रस्तुतियों से वातावरण को जीवंत बना दिया। दूसरे दिन की शुरुआत सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुई, जिसमें समूह लोक नृत्य और समूह लोक गायन प्रतियोगिताएं शामिल थीं। प्रतियोगिताओं के दौरान प्रतिभागियों ने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक सरोकारों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। वाट्सन उच्च विद्यालय में मधेपुरा, पूर्णिया, समस्तीपुर, रोहतास, सीतामढ़ी और पश्चिमी चंपारण सहित कई जिलों के प्रतिभागियों ने समूह लोक नृत्य से दर्शकों का मन मोह लिया। पश्चिमी चंपारण के प्रतिभागियों ने ‘कैसे खेले जइबू सावन में कजरिया, बदरियां घिरी आयी ननदी’ कजरी लोकगीत पर समूह नृत्य प्रस्तुत किया, जबकि सीतामढ़ी के प्रतिभागियों ने ‘जट-जटिन’ लोकगीत पर नृत्य से सबका ध्यान खींचा। नगर भवन मधुबनी में कैमूर जिले के प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत ‘चल जा विदेशवा के ओर, बलम हो’ समूह गायन की भी खूब प्रशंसा हुई। कार्यक्रमों के बीच निर्णायक मंडल के सदस्यों ने प्रतिभागियों के प्रदर्शन की सराहना की और उन्हें बेहतर करने के लिए आवश्यक सुझाव भी दिए। दर्शकों में प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों को मोबाइल में रिकॉर्ड करने की होड़ देखी गई। दूसरे दिन वाट्सन उच्च विद्यालय परिसर में नवाचार से संबंधित स्टॉल भी लगाए गए थे, जहां प्रतिभागियों ने अपने नवाचारों के बारे में दर्शकों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। युवाओं की सक्रिय भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि राज्य की युवा शक्ति विविध प्रतिभाओं से परिपूर्ण है। वाट्सन उच्च विद्यालय में कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. अभिषेक कुमार ने किया, जबकि नगर भवन में शिव नारायण मिश्र ने यह जिम्मेदारी संभाली।  

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