जांजगीर-चांपा में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था को लेकर कलेक्टर जन्मेजय महोबे की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय प्रशिक्षण और बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राजस्व, सहकारिता, खाद्य, मार्कफेड, मंडी, समिति प्रबंधक, धान खरीदी प्रभारी, ऑपरेटर सहित अलग-अलग विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि धान खरीदी प्रक्रिया के प्रत्येक चरण – पंजीयन, सत्यापन, तौल, भंडारण, परिवहन और भुगतान की कड़ी निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि खरीदी से लेकर उठाव तक की सभी गतिविधियों पर निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है, जिसका उद्देश्य किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना को समाप्त करना है। केंद्रों की समस्याओं का तत्काल समाधान प्रशिक्षण सत्र के दौरान विभिन्न तकनीकी प्रक्रियाओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। इसमें गेट पास ऐप से फोटो एंट्री, स्टॉक एंट्री, किस्मवार स्टैकिंग, यूएफआर प्रगति, पीसी-एसएपी डेटा प्रविष्टि, रकबा समर्पण और सतर्क ऐप जैसी धान खरीदी से संबंधित अन्य प्रक्रियाएं शामिल थीं। इस दौरान अलग-अलग केंद्रों से प्राप्त समस्याओं और कठिनाइयों का तत्काल समाधान भी किया गया। यूएफआर पंजीयन में छूटे किसानों का खसरा जोड़ने के निर्देश कलेक्टर ने यूएफआर (अंडरटेकिंग फॉर रजिस्ट्रेशन) पंजीयन को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यूएफआर में छूटे हुए किसानों का खसरा जोड़ने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए, ताकि उन्हें धान बेचने में कोई समस्या न हो। यूएफआर पंजीयन के लिए किसानों को बी-1, आधार कार्ड और आधार से लिंक मोबाइल नंबर लाना अनिवार्य होगा। अनियमितताएं रोकने के कड़े निर्देश उन्होंने शेष यूएफआर पंजीयन को ‘मिशन मोड’ में पूरा करने पर जोर दिया। गड़बड़ी रोकने के लिए कलेक्टर ने कड़े निर्देश दिए। उन्होंने टीमों को रकबा समर्पण अभियान प्रभावी ढंग से चलाने को कहा, जिससे खरीदी में अनियमितताओं की संभावना कम हो सके। मंडी और राजस्व टीमों को अवैध धान संग्रहण और परिवहन पर लगातार कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। गेट पास में 100% एंट्री अनिवार्य प्रत्येक खरीदी केंद्र में गेट पास में शत-प्रतिशत एंट्री अनिवार्य की गई है। सतर्क ऐप पर प्राप्त शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करने और नोडल अधिकारियों को संवेदनशील केंद्रों का निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया। कलेक्टर ने कहा कि जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि किसानों को धान खरीदी में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े और पूरी प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी बनी रहे।


