समस्तीपुर में ठंड से लोगों को अगले चार से पांच दिनों तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। आगामी 28 दिसंबर तक कोल्ड डे की स्थिति बनी रह सकती है। लगातार पछुआ हवा चलने के कारण न्यूनतम और अधिकतम तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय मौसम विभाग की ओर से आगामी 28 दिसंबर तक के लिए मौसम पूर्वानुमान जारी किया गया है। मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर अब्दुल सत्तार ने बताया कि उत्तर पश्चिम भारत में सक्रिय मौसम प्रणाली का प्रभाव समस्तीपुर समेत उत्तर बिहार में देखा जा रहा है। वहीं लगातार पछुआ हवा चलने के कारण कोल्ड डे की स्थिति बन गई है, जिस कारण समस्तीपुर समेत उत्तर बिहार के जिलों में 28 दिसंबर तक कोल्ड डे बना रहेगा। अगले चार से पांच दिनों तक रहेगा कोहरा, 9 डिग्री तक पहुंचेगा तापमान इस अवधि में सुबह के समय में माध्यम से घना कुहासा छाया रह सकता है आकाश में कहीं-कहीं आंशिक बादल छाया रह सकता है। मौसम शुष्क रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान 16 से 17 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9 से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमान अवधि में औसतन 5 से 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवा चल सकती है। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि 25 और 26 दिसंबर के आसपास कुछ जिलों में पूरवा हवा चल सकती है। वहीं इस दौरान सुबह में सापेक्ष आर्द्रता 90 से 95 फीसदी और दोपहर में 45 से 50 फीसदी रहने की उम्मीद है। उधर, पिछले 24 घंटा के दौरान समस्तीपुर का अधिकतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान से 7.5 डिग्री कम है। वहीं, न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान से 1.1 डिग्री कम है। किसानों के लिए जारी की गई एडवाइजरी कोल्ड डे एवं कोहरे की स्थिति के कारण फसलों में पाला व रोगों का खतरा बढ़ गया है, जिस कारण किसान आवश्यकता अनुसार अपने खेतों में हल्की सिंचाई करें। कोहरा छटने के बाद ही दावों का छिड़काव करें। फसलों के नियमित निगरानी करें। पशुओं को ठंड से बचाने के लिए रात में खुले में ना रखें। उचित बिछावन व आहार दें। रवि फसलों की समय पर निकाय गुनाई करें व आवश्यकता अनुसार सिंचाई करें। पहली सिंचाई के बाद गेहूं की फसल में बुवाई के 30 से 35 दिनों की अवस्था पर विभिन्न प्रकार के खरपतवार उगते हैं, जो तेजी से बढ़ रहे गेहूं को नुकसान पहुंचाते हैं, इसके नियंत्रण के लिए छीड़काव करें। टमाटर की फसल में फल छेतन किट की निगरानी करें। आलू की फसलों में खरपतवार निकल आए हैं, उसकी निकाय करें व आवश्यकता अनुसार सिंचाई करें। सब्जी की फसलों में नियमित निकाय गुणी करें एवं आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करें तथा कीट रोगों की निगरानी रखें । मटर की फसल में अच्छे फलन के लिए दो प्रतिशत यूरिया के घोल का छिड़काव करें। प्याज की रोपाई करते समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी 15 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर रखें। पशुओं के बिछावन के लिए सूखी घास या रख का प्रयोग करें। दुधारू पशुओं को लिवर फ्लूक संक्रमण से बचने के लिए धान का खिलावें। समस्तीपुर में ठंड से लोगों को अगले चार से पांच दिनों तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। आगामी 28 दिसंबर तक कोल्ड डे की स्थिति बनी रह सकती है। लगातार पछुआ हवा चलने के कारण न्यूनतम और अधिकतम तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय मौसम विभाग की ओर से आगामी 28 दिसंबर तक के लिए मौसम पूर्वानुमान जारी किया गया है। मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर अब्दुल सत्तार ने बताया कि उत्तर पश्चिम भारत में सक्रिय मौसम प्रणाली का प्रभाव समस्तीपुर समेत उत्तर बिहार में देखा जा रहा है। वहीं लगातार पछुआ हवा चलने के कारण कोल्ड डे की स्थिति बन गई है, जिस कारण समस्तीपुर समेत उत्तर बिहार के जिलों में 28 दिसंबर तक कोल्ड डे बना रहेगा। अगले चार से पांच दिनों तक रहेगा कोहरा, 9 डिग्री तक पहुंचेगा तापमान इस अवधि में सुबह के समय में माध्यम से घना कुहासा छाया रह सकता है आकाश में कहीं-कहीं आंशिक बादल छाया रह सकता है। मौसम शुष्क रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान 16 से 17 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9 से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमान अवधि में औसतन 5 से 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवा चल सकती है। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि 25 और 26 दिसंबर के आसपास कुछ जिलों में पूरवा हवा चल सकती है। वहीं इस दौरान सुबह में सापेक्ष आर्द्रता 90 से 95 फीसदी और दोपहर में 45 से 50 फीसदी रहने की उम्मीद है। उधर, पिछले 24 घंटा के दौरान समस्तीपुर का अधिकतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान से 7.5 डिग्री कम है। वहीं, न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान से 1.1 डिग्री कम है। किसानों के लिए जारी की गई एडवाइजरी कोल्ड डे एवं कोहरे की स्थिति के कारण फसलों में पाला व रोगों का खतरा बढ़ गया है, जिस कारण किसान आवश्यकता अनुसार अपने खेतों में हल्की सिंचाई करें। कोहरा छटने के बाद ही दावों का छिड़काव करें। फसलों के नियमित निगरानी करें। पशुओं को ठंड से बचाने के लिए रात में खुले में ना रखें। उचित बिछावन व आहार दें। रवि फसलों की समय पर निकाय गुनाई करें व आवश्यकता अनुसार सिंचाई करें। पहली सिंचाई के बाद गेहूं की फसल में बुवाई के 30 से 35 दिनों की अवस्था पर विभिन्न प्रकार के खरपतवार उगते हैं, जो तेजी से बढ़ रहे गेहूं को नुकसान पहुंचाते हैं, इसके नियंत्रण के लिए छीड़काव करें। टमाटर की फसल में फल छेतन किट की निगरानी करें। आलू की फसलों में खरपतवार निकल आए हैं, उसकी निकाय करें व आवश्यकता अनुसार सिंचाई करें। सब्जी की फसलों में नियमित निकाय गुणी करें एवं आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करें तथा कीट रोगों की निगरानी रखें । मटर की फसल में अच्छे फलन के लिए दो प्रतिशत यूरिया के घोल का छिड़काव करें। प्याज की रोपाई करते समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी 15 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर रखें। पशुओं के बिछावन के लिए सूखी घास या रख का प्रयोग करें। दुधारू पशुओं को लिवर फ्लूक संक्रमण से बचने के लिए धान का खिलावें।


