सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय सेना के ईसाई अफसर सैमुअल कमलेसन की बर्खास्तगी को सही ठहराया। अफसर पर आरोप था कि उन्होंने अपनी रेजिमेंट की साप्ताहिक धार्मिक परेडों और मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने से इनकार किया था। मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि यह आचरण गंभीर अनुशासनहीनता है और सेना जैसी संस्था में ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। उन्होंने कहा- आपने अपने सैनिकों की भावनाओं का सम्मान नहीं किया। आपको धार्मिक अहंकार इतना अधिक कि दूसरों की परवाह ही नहीं थी? इससे पहले 19 नवंबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने भी माना था कि अफसर के व्यवहार से आचरण रेजीमेंट की एकजुटता, अनुशासन और सेक्युलर मूल्यों को नुकसान पहुंचा। कोर्ट ने सेना में ऐसे व्यवहार को युद्ध स्थितियों में नुकसानदेह बताया था। अफसर का तर्क- ईसाई धार्मिक मान्यता इसकी अनुमति नहीं देती अफसर सैमुअल कमलेसन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि उन्हें सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाला गया क्योंकि उन्होंने अपने पोस्टिंग वाले मंदिर के सबसे अंदर वाले हिस्से में जाने से मना कर दिया था। वकील ने बताया, अफसर हर हफ्ते अपने सैनिकों के साथ मंदिर और गुरुद्वारे तक जाते थे, लेकिन पूजा, हवन या आरती के समय अंदर नहीं जाते थे, क्योंकि उनकी ईसाई धार्मिक मान्यता इसकी अनुमति नहीं देती। उनका कहना था कि वे अनुशासित अफसर हैं और बाकी सब काम ठीक से करते हैं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि उन्हें किसी देवी-देवता की पूजा करवाने या अनुष्ठान करने के लिए मजबूर न किया जाए। कोर्ट की 2 बड़ी बातें… अब पढ़ें पूरा मामला क्या था अफसर सैमुअल कमलेसन का मामला मार्च 2017 से जुड़ा है, जब वे 3rd कैवेलरी रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट बने। उनकी यूनिट में मंदिर और गुरुद्वारा था, जहां हर हफ्ते धार्मिक परेड होती थी। वे अपने सैनिकों के साथ वहां तक जाते थे, लेकिन मंदिर के सबसे अंदर वाले हिस्से में पूजा, हवन या आरती के दौरान जाने से मना करते थे। उनका कहना था कि उनकी ईसाई मान्यता इसकी अनुमति नहीं देती और उनसे किसी देवी-देवता की पूजा करवाना गलत है। अफसर का आरोप था कि एक कमांडेंट लगातार उन पर दबाव डालता था और इसी वजह से मामला बढ़ा। दूसरी ओर सेना ने कहा कि उन्होंने कई बार समझाने के बाद भी रेजिमेंटल परेड में पूरी तरह हिस्सा नहीं लिया, जो स्पष्ट रूप से अनुशासनहीनता है। लंबे समय तक चली जांच और सुनवाई के बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। ——————- ये खबर भी पढ़ें… आर्मी अफसर की याचिका खारिज, बर्खास्तगी का आदेश बरकरार:दिल्ली हाईकोर्ट बोला- सेना में अनुशासन ही सब कुछ; अफसर धर्म की वजह से परेड नहीं जाता था दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय सेना के एक अधिकारी की बर्खास्तगी को सही ठहराया है, जिसे धार्मिक परेड में हिस्सा न लेने के कारण 2017 में सेवा से हटा दिया गया था। अधिकारी सैमुअल कमलेसन ने यह कहते हुए परेड में शामिल होने से इनकार कर दिया था कि वे ईसाई धर्म से हैं। पूरी खबर पढ़ें…
CJI बोले- सेना सेक्युलर, इसमें अनुशासन सर्वोपरि:ईसाई अफसर का बर्खास्तगी का आदेश बरकरार, आर्मी की धार्मिक परेडों में शामिल होने से मना किया था


