समाहरणालय सभागार में सोमवार को जिला पदाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय की अध्यक्षता में नागरिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय भाग-03 के क्रियान्वयन को लेकर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। इसमें जिले के प्रबुद्ध नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने सुझाव साझा किए। नागरिक संवाद की शुरुआत अपर समाहर्ता (लोक शिकायत) इश्तियाक अंसारी ने की। उन्होंने उपस्थित नागरिकों से परिचय प्राप्त किया और बैठक की विषय-वस्तु पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके बाद जिला पदाधिकारी ने कहा कि सात निश्चय भाग-03 का मुख्य उद्देश्य आम जनता को अधिक सुविधाजनक, पारदर्शी और प्रभावी प्रशासनिक व्यवस्था उपलब्ध कराना है, ताकि जिले और राज्य के विकास को नई ऊर्जा मिल सके। जिला पदाधिकारी ने नागरिकों से अपील की कि वे अपने सुझाव लिखित रूप में देने के साथ-साथ सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर भी दर्ज कराएं। सुझावों को संकलित कर बिहार सरकार को भेजा जाएगा उन्होंने कहा कि नागरिकों द्वारा दिए गए सभी सुझावों को संकलित कर बिहार सरकार को भेजा जाएगा, ताकि नीति निर्माण में जमीनी स्तर की अपेक्षाओं को शामिल किया जा सके। डीएम ने कहा, “बिहार प्रगति करे, सीवान प्रगति करे—इसके लिए नागरिक समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी।” कार्यक्रम के दौरान सभागार में मौजूद प्रबुद्ध नागरिकों ने अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सबसे अधिक सुझाव सिवान शहर की समस्याओं को लेकर सामने आए। नागरिकों ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने, कचरा प्रबंधन एवं बायो-मेडिकल वेस्ट के वैज्ञानिक निस्तारण, सड़कों पर बने डिवाइडरों की स्थिति सुधारने जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की मांग की। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने का सुझाव इसके अलावा जिले में सब्जियों की भरपूर खेती को देखते हुए रोजगार सृजन के लिए फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया। राम-जानकी पथ के निर्माण के बाद उत्पन्न होने वाली व्यावसायिक संभावनाओं के बेहतर दोहन के लिए एक समग्र मास्टर प्लान तैयार करने पर भी जोर दिया गया। नागरिकों ने राजेंद्र शोध संस्थान की स्थापना,जिले के लिए एक गैजेटियर के निर्माण तथा जिले की पर्यटन संभावनाओं को विकसित करने संबंधी सुझाव भी दिए। कार्यक्रम के अंत में जिला पदाधिकारी ने सभी नागरिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे संवाद कार्यक्रम लोकतांत्रिक व्यवस्था को और मजबूत बनाते हैं। समाहरणालय सभागार में सोमवार को जिला पदाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय की अध्यक्षता में नागरिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय भाग-03 के क्रियान्वयन को लेकर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। इसमें जिले के प्रबुद्ध नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने सुझाव साझा किए। नागरिक संवाद की शुरुआत अपर समाहर्ता (लोक शिकायत) इश्तियाक अंसारी ने की। उन्होंने उपस्थित नागरिकों से परिचय प्राप्त किया और बैठक की विषय-वस्तु पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके बाद जिला पदाधिकारी ने कहा कि सात निश्चय भाग-03 का मुख्य उद्देश्य आम जनता को अधिक सुविधाजनक, पारदर्शी और प्रभावी प्रशासनिक व्यवस्था उपलब्ध कराना है, ताकि जिले और राज्य के विकास को नई ऊर्जा मिल सके। जिला पदाधिकारी ने नागरिकों से अपील की कि वे अपने सुझाव लिखित रूप में देने के साथ-साथ सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर भी दर्ज कराएं। सुझावों को संकलित कर बिहार सरकार को भेजा जाएगा उन्होंने कहा कि नागरिकों द्वारा दिए गए सभी सुझावों को संकलित कर बिहार सरकार को भेजा जाएगा, ताकि नीति निर्माण में जमीनी स्तर की अपेक्षाओं को शामिल किया जा सके। डीएम ने कहा, “बिहार प्रगति करे, सीवान प्रगति करे—इसके लिए नागरिक समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी।” कार्यक्रम के दौरान सभागार में मौजूद प्रबुद्ध नागरिकों ने अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सबसे अधिक सुझाव सिवान शहर की समस्याओं को लेकर सामने आए। नागरिकों ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने, कचरा प्रबंधन एवं बायो-मेडिकल वेस्ट के वैज्ञानिक निस्तारण, सड़कों पर बने डिवाइडरों की स्थिति सुधारने जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की मांग की। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने का सुझाव इसके अलावा जिले में सब्जियों की भरपूर खेती को देखते हुए रोजगार सृजन के लिए फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया। राम-जानकी पथ के निर्माण के बाद उत्पन्न होने वाली व्यावसायिक संभावनाओं के बेहतर दोहन के लिए एक समग्र मास्टर प्लान तैयार करने पर भी जोर दिया गया। नागरिकों ने राजेंद्र शोध संस्थान की स्थापना,जिले के लिए एक गैजेटियर के निर्माण तथा जिले की पर्यटन संभावनाओं को विकसित करने संबंधी सुझाव भी दिए। कार्यक्रम के अंत में जिला पदाधिकारी ने सभी नागरिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे संवाद कार्यक्रम लोकतांत्रिक व्यवस्था को और मजबूत बनाते हैं।


