Anita Anand India Visit: कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद ने हाल ही में भारत यात्रा (Anita Anand India Visit) के बाद सीबीएस को दिए इंटरव्यू में कहा कि दोनों देशों के बीच नीति-आधारित बातचीत (Canada India Diplomacy) तेज हो रही है। जन सुरक्षा को एजेंडे में प्राथमिकता देते हुए आनंद ने जोर दिया कि कानून प्रवर्तन मुद्दों पर उच्च स्तरीय सहयोग बढ़ रहा है। यह बयान भारत-कनाडा संबंधों में तनाव के बाद एक सकारात्मक कदम है, जहां दोनों पक्ष सुरक्षा चुनौतियों का समाधान ढूंढ रहे हैं। आनंद की यात्रा ने द्विपक्षीय रिश्तों को नई दिशा देने की उम्मीद जगाई है। अनिता आनंद ने 13-14 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली और मुंबई की यात्रा की। यहां उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। आनंद ने कहा कि कनाडा और भारत जन सुरक्षा (Public Safety Dialogue) को सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम स्तर पर काम कर रहे हैं।
संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम
सीबीएस इंटरव्यू में उन्होंने बताया, “हम नीति-आधारित रचनात्मक संवाद कर रहे हैं, जिसमें सार्वजनिक सुरक्षा सबसे ऊपर है।” जयशंकर के साथ जारी संयुक्त बयान का पहला पृष्ठ कानून प्रवर्तन पर केंद्रित था, जो दोनों देशों की प्रतिबद्धता दिखाता है। यह यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की चर्चाओं का फॉलो-अप थी। आनंद ने कहा कि दोनों सरकारें हर स्तर पर चिंताओं को उठा रही हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और कनाडा की एनएसए नथाली जी. ड्रोइन की 18 सितंबर की बैठक इसका उदाहरण है। यह द्विपक्षीय सुरक्षा वार्ता का हिस्सा थी, जो संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम है।
जन सुरक्षा पर उच्च स्तरीय सहयोग: आनंद का जोर
आनंद ने इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि कनाडा जन सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता मानता है। उन्होंने कहा, “हम विदेशी हस्तक्षेप, अंतरराष्ट्रीय दमन, और कानून उल्लंघनों से अपनी जनता की रक्षा करेंगे।” भारत के साथ चर्चाओं में कानून प्रवर्तन एजेंसियों का सहयोग बढ़ाने पर फोकस रहा। आनंद ने बताया कि दोनों देशों के बीच वरिष्ठ स्तर पर बातचीत चल रही है, जो सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में मददगार है।
कनाडा घरेलू सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा
यह बयान कनाडा में सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या (2023) के बाद तनावपूर्ण रिश्तों के बाद आया है। आनंद ने कहा कि कनाडा घरेलू सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है, और भारत के साथ साझेदारी इसे मजबूत करेगी। यात्रा के दौरान आनंद ने आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने का भी वादा किया, लेकिन सुरक्षा पहले। रॉयटर्स को दिए बयान में उन्होंने कहा, “कनाडा की मिट्टी पर कानून का राज सुनिश्चित करना जरूरी है।”
भारत-कनाडा संबंधों का नया अध्याय
पिछले दो वर्षों में भारत-कनाडा रिश्ते खराब हुए थे। निज्जर हत्या के आरोपों से राजदूतों का निष्कासन हुआ। लेकिन 2025 में नया मोड़ आया। दोनों देशों ने उच्चायुक्त नियुक्त किए, और कनाडा ने भारतीय राजनयिकों की संख्या बहाल करने का वादा किया। आनंद ने मुंबई में सीबीसी को बताया, “हम 2023 के तनाव से आगे बढ़ रहे हैं। रिश्तों को ऊंचा उठा रहे हैं।”
इंडो-पैसिफिक रणनीति में भारत महत्वपूर्ण
आनंद की यात्रा ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक रणनीति में भारत महत्वपूर्ण है। कनाडा चीन और भारत के साथ तनाव कम करने की कोशिश कर रहा है। आनंद की अगली यात्रा चीन की होगी, लेकिन भारत पर फोकस रहा। जयशंकर ने ट्वीट किया, “आनंद का स्वागत है। संबंधों को मजबूत करने के कदम उठाएंगे।
आनंद की विरासत: भारतीय मूल की पहली विदेश मंत्री
अनीता आनंद भारतीय मूल की हैं। जन्म 1967 में ओटावा में हुआ, लेकिन माता-पिता गुजरात से हैं। उन्होंने लॉ की डिग्री ली और मैकगिल यूनिवर्सिटी में पढ़ाया। 2019 में ट्रूडो कैबिनेट में शामिल हुईं। रक्षा मंत्री रह चुकी हैं। 2025 में विदेश मंत्री बनीं। आनंद ने कहा, “यह चुनौतीपूर्ण अध्याय है, लेकिन एक-एक कदम से सहयोग बढ़ेगा।
भविष्य की संभावनाएं: आर्थिक और सुरक्षा सहयोग
आनंद ने कहा कि कनाडा इंडो-पैसिफिक में आर्थिक शक्तियों से रिश्ते मजबूत करेगा। भारत के साथ व्यापार 2025 में बढ़ा। सुरक्षा पर सहयोग से दोनों देश लाभान्वित होंगे। लेकिन चुनौतियां बाकी हैं—खालिस्तान मुद्दा, सिख कार्यकर्ताओं पर आरोप। आनंद ने कहा, “हम कानूनी प्रक्रिया पर भरोसा रखते हैं।” अगले कदमों में उच्चायोगियों की वापसी और संयुक्त अभ्यास शामिल हैं। यह सहयोग दोनों देशों के लिए फायदेमंद है। कनाडा को सुरक्षा में मदद, भारत को आर्थिक साझेदारी। आनंद की यात्रा संबंधों को नई गति देगी। (ANI)


