बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने शनिवार को परबत्ता प्रखंड स्थित अगुवानी गंगा घाट का दौरा किया। उन्होंने यहां निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु का स्थलीय निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्य सचिव के आगमन पर डीडीसी अभिषेक पलासिया, एसपी राकेश कुमार, एसडीओ कृतिका मिश्रा, परबत्ता विधायक बाबूलाल सौर्य, खगड़िया सदर विधायक बबलू मंडल और बीडीओ संतोष कुमार पंडित सहित कई अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। पुलिस बल द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने महासेतु के क्षतिग्रस्त पिलर, सेगमेंट और निर्माण की प्रगति की गहन समीक्षा की। प्रभारी डीएम सह डीडीसी अभिषेक पलासिया ने बताया कि मुख्य सचिव ने परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 20 किलोमीटर लंबे एप्रोच पथ का कार्य, जिसमें 16 किमी खगड़िया और 4 किमी भागलपुर में है, मई 2026 तक पूरा किया जाएगा। पुल के सेगमेंट और पिलर सहित संपूर्ण निर्माण कार्य मई 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। डिजाइन से जुड़े सभी तकनीकी पहलुओं को पटना स्तर पर अंतिम रूप देने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, अब प्रत्येक मंगलवार को ऑनलाइन समीक्षा बैठकें आयोजित कर प्रगति रिपोर्ट और समस्याओं की निगरानी की जाएग बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने शनिवार को परबत्ता प्रखंड स्थित अगुवानी गंगा घाट का दौरा किया। उन्होंने यहां निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु का स्थलीय निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्य सचिव के आगमन पर डीडीसी अभिषेक पलासिया, एसपी राकेश कुमार, एसडीओ कृतिका मिश्रा, परबत्ता विधायक बाबूलाल सौर्य, खगड़िया सदर विधायक बबलू मंडल और बीडीओ संतोष कुमार पंडित सहित कई अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। पुलिस बल द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने महासेतु के क्षतिग्रस्त पिलर, सेगमेंट और निर्माण की प्रगति की गहन समीक्षा की। प्रभारी डीएम सह डीडीसी अभिषेक पलासिया ने बताया कि मुख्य सचिव ने परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 20 किलोमीटर लंबे एप्रोच पथ का कार्य, जिसमें 16 किमी खगड़िया और 4 किमी भागलपुर में है, मई 2026 तक पूरा किया जाएगा। पुल के सेगमेंट और पिलर सहित संपूर्ण निर्माण कार्य मई 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। डिजाइन से जुड़े सभी तकनीकी पहलुओं को पटना स्तर पर अंतिम रूप देने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, अब प्रत्येक मंगलवार को ऑनलाइन समीक्षा बैठकें आयोजित कर प्रगति रिपोर्ट और समस्याओं की निगरानी की जाएग


