लोक आस्था का महापर्व छठ श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न हुआ। सुबह होते ही बांका के चांदन के कलुआ नदी के सभी छठ घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। नदी के तट भक्ति गीतों और दीपों की रोशनी से जगमगा उठे। व्रतधारियों ने परिवार की सुख-समृद्धि और समाज की मंगलकामना के साथ सूर्य देव को अर्घ्य दिया। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सज धजकर पूजा-अर्चना की, जबकि पुरुषों और बच्चों ने श्रद्धापूर्वक सहयोग किया। चांदन नदी किनारे भोले नाथ मंदिर घाट और श्रद्धालुओं की सर्वाधिक भीड़ देखी गई। चारों ओर घी के दीपक की टिमटिमाती रोशनी और छठ गीतों की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। सभी प्रखंडों के छठ घाटों पर भक्ति और अनुशासन का अद्भुत संगम देखने को मिला। प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर की गई तैयारियों की सराहना की गई। छठ घाटों की सफाई, सजावट और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह चौकस रहा। पंचायतों की ओर से सभी प्रमुख घाटों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात किए गए थे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चेंजिंग रूम, अस्थायी शौचालय और प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गई थी। सुबह उदयाचल गामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हुआ। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से घाटों की स्वच्छता बनाए रखने और भीड़ के समय अनुशासन का पालन करने की अपील की। चांदन प्रखंड के सभी घाटों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था और पदाधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी करते रहे ताकि पर्व शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न हो सके। लोक आस्था का महापर्व छठ श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न हुआ। सुबह होते ही बांका के चांदन के कलुआ नदी के सभी छठ घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। नदी के तट भक्ति गीतों और दीपों की रोशनी से जगमगा उठे। व्रतधारियों ने परिवार की सुख-समृद्धि और समाज की मंगलकामना के साथ सूर्य देव को अर्घ्य दिया। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सज धजकर पूजा-अर्चना की, जबकि पुरुषों और बच्चों ने श्रद्धापूर्वक सहयोग किया। चांदन नदी किनारे भोले नाथ मंदिर घाट और श्रद्धालुओं की सर्वाधिक भीड़ देखी गई। चारों ओर घी के दीपक की टिमटिमाती रोशनी और छठ गीतों की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। सभी प्रखंडों के छठ घाटों पर भक्ति और अनुशासन का अद्भुत संगम देखने को मिला। प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर की गई तैयारियों की सराहना की गई। छठ घाटों की सफाई, सजावट और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह चौकस रहा। पंचायतों की ओर से सभी प्रमुख घाटों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात किए गए थे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चेंजिंग रूम, अस्थायी शौचालय और प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गई थी। सुबह उदयाचल गामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हुआ। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से घाटों की स्वच्छता बनाए रखने और भीड़ के समय अनुशासन का पालन करने की अपील की। चांदन प्रखंड के सभी घाटों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था और पदाधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी करते रहे ताकि पर्व शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न हो सके।


