Deepu Chandra Das Lynching Protest: बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की बर्बर लिंचिंग के विरोध में दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर भारी प्रदर्शन (Delhi VHP protest Bangladesh) हुआ। इसमें विश्व हिंदू परिषद (विहिप), सर्वभारतीय हिंदू बंगाली संगठन और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारी “भारत माता की जय”, “यूनुस सरकार होश में आओ” और “हिंदुओं की हत्या बंद करो” जैसे नारे (Deepu Chandra Das Lynching Protest) लगा रहे थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच तीखी झड़प हुई और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ने का प्रयास किया। मौके से सामने आई तस्वीरें बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति (Deepu Chandra Das lynching) पर बढ़ता जन-आक्रोश बयां कर रही हैं।
पुलिस और अर्धसैनिक बलों के साथ धक्का-मुक्की
प्रदर्शन की शुरुआत दुर्गाबाई देशमुख साउथ कैम्पस मेट्रो स्टेशन के पास से हुई। यहाँ सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे तोड़ने की कोशिश की, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। प्रदर्शनकारी 18 दिसंबर को बांग्लादेश के मयमनसिंह में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार दिए गए और जलाए गए दीपू चंद्र दास के लिए न्याय की मांग कर रहे थे। एक भावुक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हिंदुओं की हत्या की जा रही है। यह भगवान राम और कृष्ण का देश है। हम यहां किसी को नुकसान नहीं पहुँचाते, लेकिन हमारी बहन-बेटियों की गरिमा और सुरक्षा खतरे में है।”
दिल्ली और अगरतला में वीजा सेवाएं निलंबित
इस घटना ने एक कूटनीतिक संकट का रूप ले लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए नई दिल्ली और अगरतला में अपनी वीजा और कांसुलर सेवाएं अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दी हैं। बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया और इन प्रदर्शनों को “पूर्व नियोजित हिंसा” बताते हुए कूटनीतिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। बांग्लादेश ने सिलीगुड़ी वीजा केंद्र पर हुई कथित तोड़फोड़ पर भी गहरी चिंता जताई है। हालांकि, भारत ने इन आरोपों को “भ्रामक प्रचार” कह कर खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि प्रदर्शन कम ही थे और उनसे कोई सुरक्षा खतरा पैदा नहीं हुआ था।
न्याय की मांग और अंतरराष्ट्रीय चिंता
बांग्लादेश में 27 वर्षीय दीपू चंद्र दास की भयावह हत्या ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा है। हालांकि बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन मृतक के पिता रविलाल दास ने सरकार की ओर से सीधे आश्वासन न मिलने पर संदेह जताया है। इस बीच, पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेता आशुतोष चटर्जी ने भी विदेश मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करनेे की अपील की है। उन्होंने कहा, “यह मानवता पर हमला है। इसमें हिंदू और मुसलमान दोनों प्रभावित हो रहे हैं, इसे केवल धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।”
जटिल होता भू-राजनीतिक मुद्दा
यह विरोध प्रदर्शन अब एक जटिल भू-राजनीतिक मुद्दे में तब्दील हो चुका है। बांग्लादेश ने शरीफ उस्मान हादी की मौत पर हुए पिछले प्रदर्शनों का हवाला देते हुए भारत पर आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करनेे का आरोप लगाया है। बहरहाल, दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच हो रहे ये प्रदर्शन न केवल अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल उठा रहे हैं, बल्कि भारत-बांग्लादेश के द्विपक्षीय संबंधों की भी कड़ी परीक्षा ले रहे हैं। उच्चायोग की ओर मार्च करने का प्रदर्शनकारियों का संकल्प और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी, इस गंभीर अंतरराष्ट्रीय तनाव की एक साफ तस्वीर पेश करती है।


