चित्तौड़गढ़ में आयोजित 9वीं नेशनल हॉपकिडो चैंपियनशिप का आखिरी दिन राजस्थान के लिए बेहद शानदार रहा। रविवार देर रात तक चले अंतिम मुकाबलों के बाद जो नतीजे सामने आए, उनमें राजस्थान ने सभी 9 राज्यों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया। खिलाड़ियों के दमदार प्रदर्शन की बदौलत राजस्थान ने 27 गोल्ड, 39 सिल्वर और 61 ब्रॉन्ज मेडल जीतकर कुल पदकों में बाकी सभी राज्यों को पछाड़ दिया। दिन भर चले रोमांचक मुकाबलों के दौरान दर्शकों में खासा उत्साह देखने को मिला और हर मुकाबले में खिलाड़ियों ने बेहतरीन खेल भावना और तकनीक का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन से साफ है कि राजस्थान के खिलाड़ी हॉपकिडो में लगातार मजबूत हो रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पकड़ बना रहे हैं। भारत के विभिन्न राज्यों में हॉपकिडो प्रतिस्पर्धा का स्तर दिखा मुकाबले में भाग लेने वाले अन्य राज्यों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो दूसरा स्थान एक ऐसे राज्य ने हासिल किया, जिसने राजस्थान की तरह 27 गोल्ड तो जीते, लेकिन सिल्वर और ब्रॉन्ज की संख्या कम रही। दिल्ली ने 21 सिल्वर और 22 ब्रॉन्ज जीता है। वहीं तीसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल रहा, जिसने 15 गोल्ड, 11 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज जीते। महाराष्ट्र 10 गोल्ड के साथ चौथे, मध्य प्रदेश 5 गोल्ड के साथ पांचवें, पंजाब 3 गोल्ड के साथ छठे स्थान पर रहा। हरियाणा और कर्नाटक ने भी कुछ मेडल अपने नाम किए। सबसे कमजोर प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश का रहा, जो एक भी गोल्ड मेडल नहीं जीत पाया और 9वें स्थान पर रहा। इन नतीजों ने साफ किया कि हॉपकिडो अब देशभर में लोकप्रिय हो रहा है और कई राज्य इसमें बेहतर तैयारी के साथ उतर रहे हैं। चित्तौड़गढ़ में आयोजित प्रतियोगिता का हुआ सफलतापूर्वक समापन स्टेट कोच मास्टर मोहित वैष्णव ने बताया कि हॉपकिडो कोरिया की प्रसिद्ध मार्शल आर्ट है, जिसमें कई तकनीकें सिखाई जाती हैं और यह युवाओं के लिए फिटनेस व आत्मरक्षा दोनों में काफी उपयोगी है। इस बार की नेशनल चैंपियनशिप की मेजबानी हॉपकिडो फेडरेशन ऑफ इंडिया ने राजस्थान को सौंपी थी और राजस्थान हॉपकिडो डेवलपमेंट एसोसिएशन ने चित्तौड़गढ़ में बड़े स्तर पर आयोजन किया। कॉलेज परिसर में खिलाड़ियों के ठहरने, खाने, अभ्यास और सुरक्षा की सभी व्यवस्था बड़े अच्छे तरीके से की गई थी। खिलाड़ियों और टीमों ने भी व्यवस्थाओं की जमकर तारीफ की। आयोजकों का कहना है कि चित्तौड़गढ़ में पहली बार इस स्तर की चैंपियनशिप होने से जिले के युवाओं में खेलों के प्रति रुचि और बढ़ेगी। स्थानीय खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों में दिखा उत्साह और जोश प्रतियोगिता के दौरान चित्तौड़गढ़ के लोगों में भी काफी उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में दर्शक मुकाबले देखने पहुंचे और खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया। स्थानीय खिलाड़ी भी बड़े खिलाड़ियों को करीब से देखकर काफी प्रेरित हुए। आयोजकों ने कहा कि भविष्य में भी ऐसे आयोजन चित्तौड़गढ़ में होते रहें, ताकि जिले के युवा राष्ट्रीय खेलों में आगे बढ़ सकें। चैंपियनशिप के सफल आयोजन ने न केवल खिलाड़ियों की प्रतिभा को मंच दिया, बल्कि शहर को राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर भी नई पहचान दिलाई।


