मसीही समुदाय ने बुधवार की आधी रात बालक येसु के जन्मोत्सव को गहरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया। जैसे ही रात के 12 बजे, शहर के सभी चर्चों में घंटे-घड़ियाल की गूंज सुनाई दी, पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा। पुण्यरात की विशेष आराधना शुरू होते ही विश्वासियों ने उस पावन क्षण को स्मरण किया, जब परमेश्वर का पुत्र येसु मानव रूप में धरती पर अवतरित हुए। कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। शहर के सभी प्रमुख चर्चों में देर रात से ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। संत मरिया महागिरजाघर से जीईएल चर्च तक विशेष आयोजन संत मरिया महागिरजाघर, संत पॉल्स कैथेड्रल, जीईएल चर्च समेत शहर के सभी चर्चों में क्रिसमस को लेकर विशेष साज-सज्जा और आयोजन किए गए थे। गिरजाघर खचाखच भरे रहे और कई श्रद्धालु जगह न मिलने के कारण चर्च के बाहर खड़े होकर ही प्रार्थना में शामिल हुए। धर्मगुरुओं ने अपने संदेश में कहा कि क्रिसमस केवल उत्सव नहीं, बल्कि प्रेम, शांति, क्षमा और भाईचारे का संदेश देता है। उन्होंने विश्वासियों से समाज में सौहार्द और मानवीय मूल्यों को मजबूत करने का आह्वान किया। कैरोल गीत के साथ केक काट कर बालक येसु का हुआ स्वागत आराधना के दौरान श्रद्धालुओं ने बालक येसु के चरणों को चूमकर उनका स्वागत किया। चर्चों में कैरोल गीत गूंजते रहे और शांति के राजकुमार के जन्म का उत्सव पूरे उल्लास के साथ मनाया गया। जन्मोत्सव के प्रतीक रूप में केक काटा गया। जिसे सभी ने एक-दूसरे को बधाई देते हुए साझा किया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर चेहरे पर खुशी और सुकून झलक रहा था। पूरे माहौल में प्रेम और अपनत्व की भावना साफ दिखाई दे रही थी। झूमे मसीही,आज भी होंगे कई आयोजन मिस्सा प्रार्थना के बाद चर्च परिसरों में आतिशबाजी की गई, जिससे पूरा इलाका रोशनी से जगमगा उठा। मांदर की थाप पर मसीही युवक-युवतियां और बच्चे खुशी से झूमते नजर आए। 25 दिसंबर को भी सभी चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पूरे दिन जन्मोत्सव की रौनक बनी रहेगी। शहर में क्रिसमस का यह पर्व शांति, प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हुए उल्लासपूर्ण माहौल में मनाया गया। मसीही समुदाय ने बुधवार की आधी रात बालक येसु के जन्मोत्सव को गहरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया। जैसे ही रात के 12 बजे, शहर के सभी चर्चों में घंटे-घड़ियाल की गूंज सुनाई दी, पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा। पुण्यरात की विशेष आराधना शुरू होते ही विश्वासियों ने उस पावन क्षण को स्मरण किया, जब परमेश्वर का पुत्र येसु मानव रूप में धरती पर अवतरित हुए। कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। शहर के सभी प्रमुख चर्चों में देर रात से ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। संत मरिया महागिरजाघर से जीईएल चर्च तक विशेष आयोजन संत मरिया महागिरजाघर, संत पॉल्स कैथेड्रल, जीईएल चर्च समेत शहर के सभी चर्चों में क्रिसमस को लेकर विशेष साज-सज्जा और आयोजन किए गए थे। गिरजाघर खचाखच भरे रहे और कई श्रद्धालु जगह न मिलने के कारण चर्च के बाहर खड़े होकर ही प्रार्थना में शामिल हुए। धर्मगुरुओं ने अपने संदेश में कहा कि क्रिसमस केवल उत्सव नहीं, बल्कि प्रेम, शांति, क्षमा और भाईचारे का संदेश देता है। उन्होंने विश्वासियों से समाज में सौहार्द और मानवीय मूल्यों को मजबूत करने का आह्वान किया। कैरोल गीत के साथ केक काट कर बालक येसु का हुआ स्वागत आराधना के दौरान श्रद्धालुओं ने बालक येसु के चरणों को चूमकर उनका स्वागत किया। चर्चों में कैरोल गीत गूंजते रहे और शांति के राजकुमार के जन्म का उत्सव पूरे उल्लास के साथ मनाया गया। जन्मोत्सव के प्रतीक रूप में केक काटा गया। जिसे सभी ने एक-दूसरे को बधाई देते हुए साझा किया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर चेहरे पर खुशी और सुकून झलक रहा था। पूरे माहौल में प्रेम और अपनत्व की भावना साफ दिखाई दे रही थी। झूमे मसीही,आज भी होंगे कई आयोजन मिस्सा प्रार्थना के बाद चर्च परिसरों में आतिशबाजी की गई, जिससे पूरा इलाका रोशनी से जगमगा उठा। मांदर की थाप पर मसीही युवक-युवतियां और बच्चे खुशी से झूमते नजर आए। 25 दिसंबर को भी सभी चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पूरे दिन जन्मोत्सव की रौनक बनी रहेगी। शहर में क्रिसमस का यह पर्व शांति, प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हुए उल्लासपूर्ण माहौल में मनाया गया।


