लखीसराय जिले के बड़हिया प्रखंड स्थित उच्च विद्यालय में मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर एक समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लखीसराय के जिला पदाधिकारी (डीएम) मिथिलेश मिश्र ने विद्यालय के मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले 100वें बैच के छात्र-छात्राओं का स्वागत और सम्मान किया। यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 1927 में इस विद्यालय के छात्र पहली बार पटना विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित मैट्रिक परीक्षा में सम्मिलित हुए थे। कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम मिथिलेश मिश्र, जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) यदुवंश राम, प्रधानाध्यापक डॉ. रामप्रवेश सिंह, फिल्मकार रविराज पटेल और पूर्व प्राचार्य विपिन कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। प्रभारी प्रधानाध्यापिका डॉ. किरण कुमारी के नेतृत्व में आयोजित इस समारोह में विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। छात्रों को संबोधित करते हुए डीएम मिश्र ने कहा कि ‘छात्र देश के कर्णधार हैं, शिक्षक उनके निर्माता हैं और इन्हीं छात्रों के माध्यम से देश का भविष्य निर्मित होता है।’ उन्होंने छात्रों को मन लगाकर पढ़ाई करने, अनुशासन का पालन करने तथा प्रतिदिन न्यूनतम आठ से दस घंटे अध्ययन करने की प्रेरणा दी। डीएम ने जोर दिया कि शिक्षा वह अचूक हथियार है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है और राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे सकता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी यदुवंश राम ने छात्रों को तनावमुक्त रहकर नियमित अध्ययन करने और अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने विद्यालय के 165 छात्र-छात्राओं को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। सम्मान समारोह के बाद सभी विद्यार्थियों के साथ सामूहिक फोटोग्राफी भी की गई। कार्यक्रम में शिक्षक श्रवण कुमार, गोपाल कुमार, शशिकला कुमारी, प्रभाकर कुमार, प्रेम कुमार और सौरभ कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। समारोह का समापन राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के सामूहिक गायन से हुआ। लखीसराय जिले के बड़हिया प्रखंड स्थित उच्च विद्यालय में मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर एक समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लखीसराय के जिला पदाधिकारी (डीएम) मिथिलेश मिश्र ने विद्यालय के मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले 100वें बैच के छात्र-छात्राओं का स्वागत और सम्मान किया। यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 1927 में इस विद्यालय के छात्र पहली बार पटना विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित मैट्रिक परीक्षा में सम्मिलित हुए थे। कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम मिथिलेश मिश्र, जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) यदुवंश राम, प्रधानाध्यापक डॉ. रामप्रवेश सिंह, फिल्मकार रविराज पटेल और पूर्व प्राचार्य विपिन कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। प्रभारी प्रधानाध्यापिका डॉ. किरण कुमारी के नेतृत्व में आयोजित इस समारोह में विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। छात्रों को संबोधित करते हुए डीएम मिश्र ने कहा कि ‘छात्र देश के कर्णधार हैं, शिक्षक उनके निर्माता हैं और इन्हीं छात्रों के माध्यम से देश का भविष्य निर्मित होता है।’ उन्होंने छात्रों को मन लगाकर पढ़ाई करने, अनुशासन का पालन करने तथा प्रतिदिन न्यूनतम आठ से दस घंटे अध्ययन करने की प्रेरणा दी। डीएम ने जोर दिया कि शिक्षा वह अचूक हथियार है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है और राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे सकता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी यदुवंश राम ने छात्रों को तनावमुक्त रहकर नियमित अध्ययन करने और अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने विद्यालय के 165 छात्र-छात्राओं को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। सम्मान समारोह के बाद सभी विद्यार्थियों के साथ सामूहिक फोटोग्राफी भी की गई। कार्यक्रम में शिक्षक श्रवण कुमार, गोपाल कुमार, शशिकला कुमारी, प्रभाकर कुमार, प्रेम कुमार और सौरभ कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। समारोह का समापन राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के सामूहिक गायन से हुआ।


