यमुनानगर के रादौर क्षेत्र में शुक्रवार की रात श्री दंडी स्वामी आश्रम, नागेश्वर धाम पक्का घाट मंदिर में हुई लूट और हमले की घटना को दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस की तीन टीमों के हाथ अभी भी खाली हैं। बदमाशों का कोई सुराग नहीं मिला है और वे अब तक फरार हैं। मामले की जांच कर रही रादौर पुलिस, सीआईए स्टाफ और सीएफएल टीम ने दो दिनों में मंदिर परिसर में मौजूद सीसीटीवी फुटेज, आसपास के इलाकों के कैमरे और आस-पड़ोस के लोगों से पूछताछ की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। पुलिस ने घटना स्थल से जुटाए गए फिंगर प्रिंट्स को फोरेंसिक लैब भेज दिया है, लेकिन रिपोर्ट आने में अभी 4-5 दिन का समय लग सकता है। फिंगरप्रिंट से बदमाशों तक पहुंचने का प्रयास मंदिर के महंत दंडी स्वामी महेशाश्रम जी महाराज ने बताया कि लूट में लगभग 20-22 लाख रुपए का नुकसान हुआ है, जिसमें 11 लाख नगद, सोने-चांदी के गहने और दानपात्र में रखी दानराशि शामिल हैं। उन्होंने कहा, पुलिस ने वादा तो किया है कि जल्द कार्रवाई होगी, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। हमारा डर बढ़ता जा रहा है। पुलिस अधीक्षक कमलजीत गोयल ने बताया कि जांच तेजी से चल रही है। “मने आसपास के जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है और संदिग्धों की तलाश में कई टीमें लगाई गई हैं। सीसीटीवी फुटेज और फिंगर प्रिंट्स से जल्द ही कोई सुराग मिल सकता है। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की है कि अगर किसी को कोई संदिग्ध जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। मंदिर पर पांचवी बार हुआ हमला महंत महेशाश्रम जी ने दोहराया कि यह मंदिर पर पांचवीं बार हमला है। लगभग दो साल पहले उनके शिष्य पप्पू पांडे पर भी इसी तरह रात में हमला हुआ था, लेकिन उस मामले में भी आज तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। उन्होंने कहा, हम बार-बार सरकार से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। अब तो लगता है कि हमें रादौर छोड़ना ही पड़ेगा। इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों में भी आक्रोश है। कई श्रद्धालु कह रहे हैं कि मंदिर में बार-बार लूट हो रही है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा। पुलिस ने इस घटना में आईपीसी की धारा 394 (डकैती), 397 (डकैती में हथियार का इस्तेमाल), 307 (हत्या का प्रयास) और 380 (चोरी) के तहत मुकदमा दर्ज किया हुआ है।


