सिटी रिपोर्टर|मोतिहारी सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों, शिक्षकों व कर्मियों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग ने नया एसओपी जारी किया है। सभी सरकारी व निजी शैक्षणिक संस्थानों में आवारा कुत्तों की रोकथाम, मिड डे मील के खाद अपशिष्ट के सुरक्षित निपटाने तथा परिसर को सुरक्षा से जुड़े कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। यह निर्देश सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में दिए गए हैं। शिक्षा विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि विद्यालय परिसर में आवारा कुत्तों की मौजूदगी को गंभीर सुरक्षा खतरा माना जाएगा और आदेश की अवहेलना सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के रूप में दर्ज की जाएगी। निर्देश में कहा गया है कि विद्यालय परिसरों में आवारा कुत्तों के प्रवेश से कई बार बच्चों के घायल होने, भोजन छिनने अथवा भय का वातावरण बनाने की घटनाएं सामने आती है जो विद्यालय के शैक्षणिक माहौल को प्रभावित करती है। इसको देखते हुए जिले के सभी सरकारी व निजी विद्यालयों, कॉलेजों एवं कोचिंग संस्थानों की सूची दो सप्ताह के अंदर तैयार करनी होगी। प्रत्येक परिसर के सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाएगी। शिक्षा विभाग ने स्कूल परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। जिसमें कहा गया है कि टूटी हुई चहारदीवारी, खुली जगहें व असुरक्षित कोनों को तुरंत बंद किया जाए। भोजनालय परिसर की सफाई व स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा। मिड डे मील कक्ष के चारों ओर सुरक्षात्मक फेंसिंग लगाना अनिवार्य होगा। किसी भी परिस्थिति में विद्यालय परिसर में कुत्तों को भोजन देना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। विद्यालयों में प्रत्येक माह छात्रों व कर्मियों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें पशुओं के आक्रामक व्यवहार, बचाव उपाय, प्राथमिक उपचार की जानकारी दी जाएगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा हर तीन माह में स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा और विद्यालयों से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट राज्य मुख्यालय भेजी जाएगी। आवागमन के सभी मुख्य द्वार मजबूत व सुरक्षित रखे जाएं। हर विद्यालयों में भटकते कुत्तों को भोजन न दें का बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। कुत्ता काटने की स्थिति में तत्काल संपर्क के लिए स्थानीय चिकित्सक का नाम और मोबाइल नंबर प्रदर्शित किया जाएगा। प्रत्येक विद्यालय में एक नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया जाएगा। जो सुरक्षा उपायों और परिसर में कुत्तों की स्थिति की निगरानी करेगा। नगर निगम, नगर परिषद व नगर पंचायतों को भी निर्देश दिया गया है कि विद्यालयों के आसपास पाए जाने वाले आवारा कुत्तों को पकड़कर टीकाकरण करवाया जाए और उन्हें निर्धारित स्थान पर भेजा जाए। यह भी स्पष्ट किया गया है कि पकड़े गए कुत्तों को उसी स्थान पर वापस नही छोड़ा जाएगा। मिड डे मील से संबंधित निर्देशों में कहा गया है कि भोजन का गिरना, बचा हुआ भोजन खुले में फेंकना या अपशिष्ट जल का बहना परिसर में कुत्तों के आने की संभावना बढ़ाता है। इसलिए खाद्य अपशिष्ट का सुरक्षित निपटान अनिवार्य किया जाएगा। सिटी रिपोर्टर|मोतिहारी सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों, शिक्षकों व कर्मियों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग ने नया एसओपी जारी किया है। सभी सरकारी व निजी शैक्षणिक संस्थानों में आवारा कुत्तों की रोकथाम, मिड डे मील के खाद अपशिष्ट के सुरक्षित निपटाने तथा परिसर को सुरक्षा से जुड़े कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। यह निर्देश सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में दिए गए हैं। शिक्षा विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि विद्यालय परिसर में आवारा कुत्तों की मौजूदगी को गंभीर सुरक्षा खतरा माना जाएगा और आदेश की अवहेलना सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के रूप में दर्ज की जाएगी। निर्देश में कहा गया है कि विद्यालय परिसरों में आवारा कुत्तों के प्रवेश से कई बार बच्चों के घायल होने, भोजन छिनने अथवा भय का वातावरण बनाने की घटनाएं सामने आती है जो विद्यालय के शैक्षणिक माहौल को प्रभावित करती है। इसको देखते हुए जिले के सभी सरकारी व निजी विद्यालयों, कॉलेजों एवं कोचिंग संस्थानों की सूची दो सप्ताह के अंदर तैयार करनी होगी। प्रत्येक परिसर के सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाएगी। शिक्षा विभाग ने स्कूल परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। जिसमें कहा गया है कि टूटी हुई चहारदीवारी, खुली जगहें व असुरक्षित कोनों को तुरंत बंद किया जाए। भोजनालय परिसर की सफाई व स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा। मिड डे मील कक्ष के चारों ओर सुरक्षात्मक फेंसिंग लगाना अनिवार्य होगा। किसी भी परिस्थिति में विद्यालय परिसर में कुत्तों को भोजन देना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। विद्यालयों में प्रत्येक माह छात्रों व कर्मियों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें पशुओं के आक्रामक व्यवहार, बचाव उपाय, प्राथमिक उपचार की जानकारी दी जाएगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा हर तीन माह में स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा और विद्यालयों से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट राज्य मुख्यालय भेजी जाएगी। आवागमन के सभी मुख्य द्वार मजबूत व सुरक्षित रखे जाएं। हर विद्यालयों में भटकते कुत्तों को भोजन न दें का बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। कुत्ता काटने की स्थिति में तत्काल संपर्क के लिए स्थानीय चिकित्सक का नाम और मोबाइल नंबर प्रदर्शित किया जाएगा। प्रत्येक विद्यालय में एक नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया जाएगा। जो सुरक्षा उपायों और परिसर में कुत्तों की स्थिति की निगरानी करेगा। नगर निगम, नगर परिषद व नगर पंचायतों को भी निर्देश दिया गया है कि विद्यालयों के आसपास पाए जाने वाले आवारा कुत्तों को पकड़कर टीकाकरण करवाया जाए और उन्हें निर्धारित स्थान पर भेजा जाए। यह भी स्पष्ट किया गया है कि पकड़े गए कुत्तों को उसी स्थान पर वापस नही छोड़ा जाएगा। मिड डे मील से संबंधित निर्देशों में कहा गया है कि भोजन का गिरना, बचा हुआ भोजन खुले में फेंकना या अपशिष्ट जल का बहना परिसर में कुत्तों के आने की संभावना बढ़ाता है। इसलिए खाद्य अपशिष्ट का सुरक्षित निपटान अनिवार्य किया जाएगा।


