ऑनलाइन वीडियो कॉल से ब्लैकमेल करने वाला गिरोह बेनकाब, दो और आरोपी गिरफ्तार

ऑनलाइन वीडियो कॉल से ब्लैकमेल करने वाला गिरोह बेनकाब, दो और आरोपी गिरफ्तार

राजसमंद. ऑनलाइन वीडियो कॉल के जरिए लोगों को ब्लैकमेल कर लाखों रुपये ऐंठने वाले गिरोह पर साइबर पुलिस थाना राजसमंद ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह गिरोह मेवात क्षेत्र से कॉल और मैसेज के जरिए ठगी की वारदातों को अंजाम देता था। पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने बताया कि इस संबंध में 4 सितंबर 2023 को राजसमंद जिले के एक 74 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक ने साइबर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़ित के अनुसार 16 अगस्त 2023 को एक अज्ञात व्हाट्सएप नंबर से वीडियो कॉल आया। कॉल रिसीव करने पर सामने एक महिला आपत्तिजनक अवस्था में दिखाई दी। कुछ ही देर बाद कॉल की स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर वीडियो पीड़ित को भेज दिया गया।

इसके बाद गिरोह के सदस्यों ने अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से कॉल और मैसेज कर वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी और पैसे की मांग की। सामाजिक प्रतिष्ठा के भय से पीड़ित ने अलग-अलग बैंक खातों में कुल 7 लाख 74 हजार रुपये जमा करा दिए। इसके बावजूद आरोपी लगातार और अधिक रकम की मांग करते रहे। परेशान होकर पीड़ित ने साइबर पुलिस थाना राजसमंद में शिकायत दर्ज कराई।

4.81 लाख रुपये की राशि पहले ही की जा चुकी है जब्त

मामले की जांच में पूर्व में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है तथा एक नाबालिग को डिटेन किया गया था। पुलिस ने ठगी गई राशि में से 4 लाख 81 हजार 500 रुपये भी जब्त किए थे। शेष आरोपियों की तलाश जारी थी। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस निरीक्षक लक्ष्मणराम विश्नोई एवं उप निरीक्षक केशाराम के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने पहाड़ी थाना क्षेत्र, जिला डीग एवं मेवात क्षेत्र में दबिश देकर दो आरोपियों नासिर खान मेव निवासी ग्राम कठौल तथा मक्खी उर्फ इब्राहिम मेव निवासी ग्राम कठौल, थाना पहाड़ी, जिला डीग को डिटेन किया। पूछताछ में दोनों ने वरिष्ठ नागरिक से जबरन वसूली करना स्वीकार किया, जिसके बाद उन्हें विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।

इस तरह देते थे वारदात को अंजाम

पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह का मास्टरमाइंड गांव-आसपास के बेरोजगार युवकों को काम और अच्छी कमाई का लालच देकर अपने साथ जोड़ता था। उन्हें मोबाइल फोन उपलब्ध कराए जाते थे। इन मोबाइलों से ‘गर्लफ्रेंड सर्च’ एप के माध्यम से व्हाट्सएप नंबर हासिल किए जाते थे।

इसके बाद पीड़ितों को वीडियो कॉल कर महिला की आवाज में बात करते हुए उन्हें जाल में फंसाया जाता था। एक मोबाइल पर महिला के आपत्तिजनक वीडियो चलाए जाते थे, जबकि दूसरे मोबाइल से वीडियो कॉल कर पूरी बातचीत रिकॉर्ड की जाती थी। बाद में उसी रिकॉर्ड किए गए वीडियो को पीड़ित को भेजकर सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी जाती थी और इस तरह ब्लैकमेल कर पैसे वसूले जाते थे।

पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी अज्ञात वीडियो कॉल को रिसीव न करें और इस तरह की किसी भी साइबर ठगी की स्थिति में तुरंत साइबर हेल्पलाइन या नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएं।

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