महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह जिले नागपुर में भाजपा ने स्थानीय निकाय चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। रविवार को घोषित हुए परिणामों में बीजेपी ने विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ करते हुए जिले की 15 नगर पालिकाओं में से 12 पर अपना कब्जा जमा लिया है। इस जीत के साथ ही नागपुर जिले में बीजेपी ने अपना निर्विवाद वर्चस्व स्थापित कर लिया है। हालांकि कांग्रेस, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (शरद पवार) की झोली में भी एक-एक सीटें आई हैं।
नागपुर निकाय चुनाव की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि यहां महायुति (Mahayuti) और महाविकास अघाड़ी (MVA) के घटक दल एक-दूसरे के खिलाफ स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़े। कई सीटों पर बीजेपी का मुकाबला अपनी ही सहयोगी पार्टी शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी से था। बीजेपी ने शुरू से ही यहां अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति अपनाई थी, जिसका परिणाम आज 12 नगर पालिकाओं में बीजेपी के मेयर होंगे। हालांकि अधिकांश जगहों पर भाजपा का मुख्य मुकाबला कांग्रेस से ही हुआ।
कहां कौन जीता?
बीजेपी का दबदबा कायम
नागपुर जिले की कामठी, सावनेर, उमरेड, खापा, वाडी और कलमेश्वर जैसी प्रमुख नगर पालिकाओं में बीजेपी के उम्मीदवार मेयर चुने गए। नागपुर जिले की सभी 12 नगर पंचायतों में महायुति दल जीत रहा है। बता दें कि नागपुर में ही आरएसएस का मुख्यालय है।
उधर, काटोल नगर पालिका में शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी जीती है, तो वहीं रामटेक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने अपना भगवा बरकरार रखा। कांग्रेस के खाते में एक नगर पालिका आने की खबर है।
कामठी में पहली बार भाजपा विजयी
नागपुर के संरक्षक मंत्री व भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के निर्वाचन क्षेत्र कामठी में बीजेपी ने पहली बार जीत का स्वाद चखा है। बताया जा रहा है कि यहां दलित और मुस्लिम मतों को लेकर बनाई गई रणनीति बीजेपी के पक्ष में काम कर गई, हालांकि स्थानीय स्तर पर एंटी-इंकंबेंसी की चर्चा भी तेज है।
सावनेर में सुनील केदार को मात
उधर, कांग्रेस के दिग्गज नेता सुनील केदार को उनके ही गढ़ सावनेर में बीजेपी ने एक बार फिर बड़ा झटका दिया है। यहां बीजेपी ने नगराध्यक्ष पद जीतकर कांग्रेस के समीकरणों को बिगाड़ दिया।
गौरतलब है कि नागपुर जिले में कुल 27 अध्यक्ष और 540 पार्षद चुने जाने हैं। इनमें 15 नगर परिषदों से 15 अध्यक्ष और 345 पार्षद, जबकि 12 नगर पंचायतों से 12 अध्यक्ष और 204 पार्षद चुने जाएंगे। नागपुर जिले के स्थानीय निकाय चुनावों में औसतन 61 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था। 2017 में हुए नागपुर जिले के स्थानीय चुनावों में भी भाजपा का दबदबा रहा था। तब भाजपा ने दो तिहाई सीटें जीती थी।


