किशनगंज में 15 किमी सड़क चौड़ीकरण की मांग तेज:भाजपा प्रवक्ता ने पथ निर्माण मंत्री को सौंपा ज्ञापन

किशनगंज में 15 किमी सड़क चौड़ीकरण की मांग तेज:भाजपा प्रवक्ता ने पथ निर्माण मंत्री को सौंपा ज्ञापन

किशनगंज के ठाकुरगंज नगर क्षेत्र में जिलेबियामोड़ (एनएच-327ई) से ननकार (मुरालीगछ, एनएच-31 सीमा) तक करीब 15 किलोमीटर लंबी सड़क के चौड़ीकरण की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। यह सड़क क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण संपर्क सड़कों में से एक मानी जाती है, लेकिन वर्तमान में इसकी बदहाल स्थिति और अत्यधिक संकरापन आम लोगों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बनता जा रहा है। इसी को लेकर भाजपा के जिला प्रवक्ता ने उद्योग सह पथ निर्माण मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल से मुलाकात कर सड़क चौड़ीकरण की मांग का ज्ञापन सौंपा है। दो राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने वाली अहम सड़क जिलेबियामोड़ से ननकार तक की यह सड़क दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों—एनएच-327ई और एनएच-31—को आपस में जोड़ती है। इस मार्ग का महत्व केवल ठाकुरगंज नगर तक सीमित नहीं है, बल्कि कनकपुर, पथरिया, सखुआडाली ग्राम पंचायतों सहित आसपास के दर्जनों गांवों के लिए यह सड़क जीवनरेखा के रूप में जानी जाती है। क्षेत्र की बड़ी आबादी अपनी दैनिक जरूरतों के लिए इसी सड़क पर निर्भर है। रोजाना 25 हजार से अधिक लोगों का आवाजाही स्थानीय लोगों के अनुसार, इस सड़क से प्रतिदिन 25 हजार से अधिक लोग आवाजाही करते हैं। इसमें स्कूली छात्र-छात्राएं, कॉलेज जाने वाले युवा, किसान, व्यापारी, नौकरीपेशा लोग और मरीज शामिल हैं। एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाओं के लिए भी यही मार्ग प्रमुख है। सड़क के संकरे होने के कारण आपात स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में कई बार अनावश्यक देरी हो जाती है। संकरी सड़क, जाम और दुर्घटनाओं का खतरा वर्तमान में यह सड़क बेहद संकरी है। भारी वाहनों और छोटे वाहनों के एक साथ चलने से अक्सर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। खासकर बाजार क्षेत्र और गांवों के आसपास के हिस्सों में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आए दिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन सड़क की स्थिति में सुधार नहीं होने से खतरा लगातार बना हुआ है। व्यापार और कृषि के लिए भी जरूरी है चौड़ी सड़क यह मार्ग न केवल आम लोगों के आवाजाही के लिए, बल्कि स्थानीय व्यापार और कृषि के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसानों की उपज इसी सड़क के माध्यम से बाजारों तक पहुंचती है। साथ ही, व्यापारिक सामानों का परिवहन भी इसी मार्ग से होता है। पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए भी यह सड़क संपर्क का प्रमुख साधन है। चौड़ी सड़क बनने से व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मंत्री से शीघ्र स्वीकृति की मांग इस संबंध में भाजपा जिला प्रवक्ता कौशल किशोर यादव ने बताया कि जनहित को ध्यान में रखते हुए पथ निर्माण मंत्री से जिलेबियामोड़ से ननकार तक की सड़क के चौड़ीकरण कार्य को शीघ्र स्वीकृति देने और निर्माण कार्य शुरू कराने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि सड़क चौड़ीकरण से क्षेत्र की बड़ी आबादी को सुरक्षित, सुगम और निर्बाध आवागमन की सुविधा मिलेगी, साथ ही दुर्घटनाओं पर भी प्रभावी अंकुश लगेगा। लोगों को उम्मीद, जल्द मिलेगा समाधान सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर स्थानीय लोगों में भी उम्मीद जगी है। लोगों का कहना है कि यदि यह सड़क चौड़ी हो जाती है, तो न केवल यातायात व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी नई दिशा मिलेगी। अब सभी की नजरें सरकार और पथ निर्माण विभाग के फैसले पर टिकी हैं, जिससे इस लंबे समय से चली आ रही समस्या का स्थायी समाधान निकल सके। किशनगंज के ठाकुरगंज नगर क्षेत्र में जिलेबियामोड़ (एनएच-327ई) से ननकार (मुरालीगछ, एनएच-31 सीमा) तक करीब 15 किलोमीटर लंबी सड़क के चौड़ीकरण की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। यह सड़क क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण संपर्क सड़कों में से एक मानी जाती है, लेकिन वर्तमान में इसकी बदहाल स्थिति और अत्यधिक संकरापन आम लोगों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बनता जा रहा है। इसी को लेकर भाजपा के जिला प्रवक्ता ने उद्योग सह पथ निर्माण मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल से मुलाकात कर सड़क चौड़ीकरण की मांग का ज्ञापन सौंपा है। दो राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने वाली अहम सड़क जिलेबियामोड़ से ननकार तक की यह सड़क दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों—एनएच-327ई और एनएच-31—को आपस में जोड़ती है। इस मार्ग का महत्व केवल ठाकुरगंज नगर तक सीमित नहीं है, बल्कि कनकपुर, पथरिया, सखुआडाली ग्राम पंचायतों सहित आसपास के दर्जनों गांवों के लिए यह सड़क जीवनरेखा के रूप में जानी जाती है। क्षेत्र की बड़ी आबादी अपनी दैनिक जरूरतों के लिए इसी सड़क पर निर्भर है। रोजाना 25 हजार से अधिक लोगों का आवाजाही स्थानीय लोगों के अनुसार, इस सड़क से प्रतिदिन 25 हजार से अधिक लोग आवाजाही करते हैं। इसमें स्कूली छात्र-छात्राएं, कॉलेज जाने वाले युवा, किसान, व्यापारी, नौकरीपेशा लोग और मरीज शामिल हैं। एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाओं के लिए भी यही मार्ग प्रमुख है। सड़क के संकरे होने के कारण आपात स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में कई बार अनावश्यक देरी हो जाती है। संकरी सड़क, जाम और दुर्घटनाओं का खतरा वर्तमान में यह सड़क बेहद संकरी है। भारी वाहनों और छोटे वाहनों के एक साथ चलने से अक्सर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। खासकर बाजार क्षेत्र और गांवों के आसपास के हिस्सों में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आए दिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन सड़क की स्थिति में सुधार नहीं होने से खतरा लगातार बना हुआ है। व्यापार और कृषि के लिए भी जरूरी है चौड़ी सड़क यह मार्ग न केवल आम लोगों के आवाजाही के लिए, बल्कि स्थानीय व्यापार और कृषि के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसानों की उपज इसी सड़क के माध्यम से बाजारों तक पहुंचती है। साथ ही, व्यापारिक सामानों का परिवहन भी इसी मार्ग से होता है। पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए भी यह सड़क संपर्क का प्रमुख साधन है। चौड़ी सड़क बनने से व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मंत्री से शीघ्र स्वीकृति की मांग इस संबंध में भाजपा जिला प्रवक्ता कौशल किशोर यादव ने बताया कि जनहित को ध्यान में रखते हुए पथ निर्माण मंत्री से जिलेबियामोड़ से ननकार तक की सड़क के चौड़ीकरण कार्य को शीघ्र स्वीकृति देने और निर्माण कार्य शुरू कराने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि सड़क चौड़ीकरण से क्षेत्र की बड़ी आबादी को सुरक्षित, सुगम और निर्बाध आवागमन की सुविधा मिलेगी, साथ ही दुर्घटनाओं पर भी प्रभावी अंकुश लगेगा। लोगों को उम्मीद, जल्द मिलेगा समाधान सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर स्थानीय लोगों में भी उम्मीद जगी है। लोगों का कहना है कि यदि यह सड़क चौड़ी हो जाती है, तो न केवल यातायात व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी नई दिशा मिलेगी। अब सभी की नजरें सरकार और पथ निर्माण विभाग के फैसले पर टिकी हैं, जिससे इस लंबे समय से चली आ रही समस्या का स्थायी समाधान निकल सके।  

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