जयपुर। राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतीराज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के आगामी चुनावों को अधिक व्यावहारिक और वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप बनाने की दिशा में अहम फैसला लिया है। आयोग ने विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की अधिकतम चुनाव व्यय सीमा को पुनर्निर्धारित करते हुए इसमें वृद्धि की है। इस संबंध में आयोग की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त राजेश्वर सिंह ने बताया कि चुनाव प्रचार की लागत में लगातार हो रही वृद्धि और महंगाई को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि आयोग समय-समय पर चुनाव व्यय सीमा की समीक्षा करता रहा है, ताकि उम्मीदवार निर्धारित नियमों के भीतर रहते हुए प्रभावी प्रचार कर सकें। वर्ष 2014 और 2019 की तुलना में वर्ष 2025 के लिए अधिकांश पदों पर खर्च सीमा में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है।

निकाय चुनावों में खर्च सीमा का विवरण
नगर निगम चुनावों में वर्ष 2014 में जहां अधिकतम खर्च सीमा 80 हजार रुपए थी, वहीं 2019 में इसे बढ़ाकर 2 लाख 50 हजार रुपए किया गया। अब वर्ष 2025 के लिए यह सीमा 3 लाख 50 हजार रुपए तय की गई है। नगर परिषद चुनावों में 2014 की 60 हजार रुपए की सीमा 2019 में 1 लाख 50 हजार रुपए हुई थी, जिसे अब बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया गया है। नगर पालिका चुनावों में खर्च सीमा 2014 में 40 हजार रुपए, 2019 में 1 लाख रुपए और अब 2025 में 1 लाख 50 हजार रुपए निर्धारित की गई है।

पंचायत चुनावों में खर्च सीमा का विवरण
पंचायतीराज संस्थाओं में जिला परिषद सदस्य के लिए खर्च सीमा 2014 में 80 हजार रुपए थी, जो 2019 में 1 लाख 50 हजार रुपए हुई और 2025 में इसे बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दिया गया है। पंचायत समिति सदस्य के लिए यह सीमा 40 हजार से बढ़कर पहले 75 हजार और अब 1 लाख 50 हजार रुपए कर दी गई है। वहीं सरपंच पद के लिए अधिकतम व्यय सीमा 2014 में 20 हजार, 2019 में 50 हजार और अब 2025 में 1 लाख रुपए निर्धारित की गई है।
नियमों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजेश वर्मा ने स्पष्ट किया कि सभी उम्मीदवारों को निर्धारित व्यय सीमा का सख्ती से पालन करना होगा। चुनाव व्यय का पूरा और सही लेखा निर्धारित प्रपत्र में संधारित कर परिणाम घोषित होने के बाद तय समय में जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। नियमों के उल्लंघन पर पंचायतीराज अधिनियम एवं चुनाव नियमों के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।


