Rajasthan: लिपिक भर्ती में बड़ा खुलासा; न वेटिंग लिस्ट में नाम, न दस्तावेज जमा कराए… फिर भी बन गए लिपिक

Rajasthan: लिपिक भर्ती में बड़ा खुलासा; न वेटिंग लिस्ट में नाम, न दस्तावेज जमा कराए… फिर भी बन गए लिपिक

अलवर जिला परिषद की ओर से करीब तीन साल पहले की गई 134 लिपिकों की भर्ती में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दो केस ऐसे सामने आए हैं, जिन्होंने लिपिक बनने के लिए आवेदन तो किया, लेकिन उनका नाम न प्रतीक्षा सूची में था और न ही उन्होंने अपने दस्तावेज जमा कराए। नौकरी मिलने के तीन साल बाद अब इस मामले का खुलासा हुआ है, जो जांच अधिकारी एडीएम सिटी बीना महावर के पास पहुंचा है। बताते हैं कि उन्होंने दस्तावेज तलब किए हैं।

लिपिक भर्ती के तहत प्रतीक्षा सूची में नाम जोड़ने के लिए कुल 286 लोगों की तरफ से आपत्ति दायर की गई थी। आपत्ति निराकरण सूची में शामिल 189 और 224 नंबर पर दर्ज आपत्ति को आपत्ति निराकरण समिति ने इनके प्रतीक्षा सूची में नाम जोड़ने की आपत्ति को यह कहकर खारिज कर दिया कि इनके प्राप्तांक तीन गुना कट ऑफ में नहीं आते।

इसी वजह से इन दोनों अभ्यर्थियों को प्रतीक्षा सूची में शामिल नहीं किया गया और न ही दस्तावेज सत्यापन का मौका दिया गया। इसके बाद जिला परिषद की ओर से 24 नवंबर 2022 को जारी आदेश में एक महिला अभ्यर्थी को मालाखेड़ा और 30 दिसंबर को जारी आदेश में पुरुष अभ्यर्थी को रामगढ़ पंचायत समिति में लिपिक पद पर नियुक्ति दे दी गई।

एसीईओ ने इस तरह भेजी रिपोर्ट

एडीएम सिटी को जिला परिषद की अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एसीईओ) आरती गुप्ता की ओर से करीब दो माह पहले भेजी गई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि इन दोनों ने प्रतीक्षा सूची में नाम जोड़ने के लिए आपत्ति दी थी, लेकिन अपात्र होने के कारण इनका नाम दस्तावेज सत्यापन की सूची में नहीं था और इन्होंने अपने दस्तावेज इस कार्यालय में जमा भी नहीं कराए।

क्रमांक को बदलकर दे दी नौकरी

सबसे खास बात यह है कि जिस आवेदन क्रमांक पर महिला अभ्यर्थी की आपत्ति खारिज की गई, उस आवेदन क्रमांक के स्थान पर दूसरे आवेदन क्रमांक को बदलकर महिला को नौकरी दे दी गई। दोनों आवेदन पर आवेदक का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि और प्राप्तांक समान हैं। अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि यदि दोनों आवेदकों ने अपना नाम प्रतीक्षा सूची में जोड़ने के लिए जिला परिषद को आपत्ति दी और जिला परिषद ने आपत्ति खारिज कर दी, दस्तावेज सत्यापन भी नहीं कराए, तो फिर आखिर इन दोनों को लिपिक पद पर कैसे नियुक्त किया गया?

बाद में इनकी ओर से कब आपत्ति दी गई और किसी अधिकारी ने उनकी आपत्ति को पात्र मानते हुए नौकरी देने के आदेश दिए? यह जांच का विषय है। जांच अधिकारी एडीएम सिटी बीना महावर की ओर से इनके दस्तावेज तलब किए गए हैं। ऐसे ही करीब 15 और अभ्यर्थी हैं, जिनके दस्तावेज एडीएम सिटी ने मंगवाए हैं। इनको ज्यादा नंबर होने के बावजूद नौकरी नहीं दी गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *