एंटी करप्शन टीम की बड़ी कार्रवाई, CMO ऑफिस का बाबू 5000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, विभाग में मचा हड़कंप

एंटी करप्शन टीम की बड़ी कार्रवाई, CMO ऑफिस का बाबू 5000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, विभाग में मचा हड़कंप

गोंडा के सीएमओ ऑफिस में रिश्वतखोरी का बड़ा खुलासा हुआ है। एंटी करप्शन टीम ने स्वास्थ्य विभाग में तैनात वरिष्ठ लिपिक को 5 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है। अपनी कार्यप्रणाली को लेकर सीएमओ ऑफिस हमेशा चर्चा में रहती है।

गोंडा जिले में बुधवार का दिन स्वास्थ्य विभाग के लिए बेहद भारी साबित हुआ। देवीपाटन मंडल की एंटी करप्शन टीम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक शशिकांत सिंह को 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। टीम ने यह कार्रवाई तब की है। जब बहराइच जिले के जरवल रोड इलाके के रहने वाले आशीष पांडेय ने एंटी करप्शन थाने पर शिकायत दर्ज कराई थी।

जानिए रिटायर्ड कर्मचारियों के बेटे ने क्या कहा?

आशीष ने बताया कि उनके पिता, जो 2014 में सीएमओ ऑफिस से रिटायर हुए थे। उनकी चिकित्सा प्रतिपूर्ति (मेडिकल रीइम्बर्समेंट) फाइल हर बार इसी लिपिक के पास अटक जाती थी। आरोप है कि फाइल आगे बढ़ाने के बदले 5 से 7 हजार रुपये की मांग की जाती थी। इस बार भी जैसे ही रिपोर्ट वरिष्ठ लिपिक के पास पहुंची। उन्होंने साफ कह दिया कि पाँच हजार रुपये दिए बिना दस्तावेज पर कार्रवाई नहीं होगी। बार-बार की मांग से परेशान होकर आशीष ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया। सूचना मिलते ही टीम ने योजना बनाई और शिकायतकर्ता के साथ मिलकर ट्रैप की तैयारी की। तय समय पर जैसे ही आशीष ने रुपये दिए। टीम ने मौके पर पहुंचकर लिपिक को रंगे हाथों दबोच लिया। गिरफ्तारी के तुरंत बाद आरोपी को लेकर टीम देहात कोतवाली पहुंची। जहां मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

एंटी करप्शन टीम प्रभारी बोले- केस दर्ज कराया जा रहा

एंटी करप्शन टीम प्रभारी राज किशोर यादव ने बताया कि आरोपी बलिया जिले के सहतवार का रहने वाला है। और स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से तैनात था। इसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया जा रहा है।

सीएमओ बोले- रिपोर्ट मिलते ही उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा

सीएमओ एसएल पटेल ने कहा कि पूरे मामले की लिखित रिपोर्ट मिलते ही इसे उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। इस कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। कर्मचारी अपनी-अपनी भूमिकाओं पर सफाई देते फिर रहे हैं।

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