खगड़िया में जिला मत्स्य पदाधिकारी-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यालय द्वारा एक दिवसीय मत्स्य प्रत्यक्षण-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में विभागीय अधिकारियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, मत्स्य पालकों और मत्स्यजीवी सहयोग समिति के लगभग 130 सदस्यों/प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी नवीन कुमार, उप विकास आयुक्त अभिषेक पलासिया और जिला मत्स्य पदाधिकारी लाल बहादुर साफी ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन के बाद, जिला मत्स्य पदाधिकारी ने विभागीय योजनाओं, मत्स्य पालन की वर्तमान स्थिति और आधुनिक तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अवसंरचनाओं से जुड़ी सुविधाओं पर दिया जोर अपने संबोधन में, जिलाधिकारी नवीन कुमार और उप विकास आयुक्त अभिषेक पलासिया ने मत्स्यिकी अवसंरचनाओं से जुड़ी सुविधाओं और उत्पादों की जानकारी आमजन तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इससे इच्छुक मछुआरों, मत्स्य कृषकों और ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ मिल सकेगा। अधिकारियों ने वैज्ञानिक मत्स्य पालन तकनीक, पर्यावरण संतुलन, संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और कौशल विकास के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने मत्स्य उत्पादन बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनने की अपील की।उप विकास आयुक्त पलासिया ने जिले में बढ़ते मत्स्य उत्पादन को देखते हुए प्रसंस्करण इकाइयों (Processing Units) और मत्स्य बीज उत्पादन के लिए हैचरी निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। मानसी के अध्यक्ष ने अपने विचार किए साझा उन्होंने मत्स्य पालकों से इस दिशा में पहल करने का आह्वान किया। मत्स्यजीवी सहयोग समिति, मानसी के अध्यक्ष नरेश प्रसाद सहनी ने भी कार्यक्रम में अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त और जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से व्हीलर-सह-आइस बॉक्स और मत्स्य विपणन किट वितरित किए गए। इस अवसर पर विभाग के सभी कर्मी, मत्स्य विकास एवं प्रसार पदाधिकारी, मत्स्य पालक और विभिन्न समितियों के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जिले में मत्स्य क्षेत्र का समग्र विकास करना और मत्स्य पालकों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना था। खगड़िया में जिला मत्स्य पदाधिकारी-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यालय द्वारा एक दिवसीय मत्स्य प्रत्यक्षण-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में विभागीय अधिकारियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, मत्स्य पालकों और मत्स्यजीवी सहयोग समिति के लगभग 130 सदस्यों/प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी नवीन कुमार, उप विकास आयुक्त अभिषेक पलासिया और जिला मत्स्य पदाधिकारी लाल बहादुर साफी ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन के बाद, जिला मत्स्य पदाधिकारी ने विभागीय योजनाओं, मत्स्य पालन की वर्तमान स्थिति और आधुनिक तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अवसंरचनाओं से जुड़ी सुविधाओं पर दिया जोर अपने संबोधन में, जिलाधिकारी नवीन कुमार और उप विकास आयुक्त अभिषेक पलासिया ने मत्स्यिकी अवसंरचनाओं से जुड़ी सुविधाओं और उत्पादों की जानकारी आमजन तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इससे इच्छुक मछुआरों, मत्स्य कृषकों और ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ मिल सकेगा। अधिकारियों ने वैज्ञानिक मत्स्य पालन तकनीक, पर्यावरण संतुलन, संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और कौशल विकास के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने मत्स्य उत्पादन बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनने की अपील की।उप विकास आयुक्त पलासिया ने जिले में बढ़ते मत्स्य उत्पादन को देखते हुए प्रसंस्करण इकाइयों (Processing Units) और मत्स्य बीज उत्पादन के लिए हैचरी निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। मानसी के अध्यक्ष ने अपने विचार किए साझा उन्होंने मत्स्य पालकों से इस दिशा में पहल करने का आह्वान किया। मत्स्यजीवी सहयोग समिति, मानसी के अध्यक्ष नरेश प्रसाद सहनी ने भी कार्यक्रम में अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त और जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से व्हीलर-सह-आइस बॉक्स और मत्स्य विपणन किट वितरित किए गए। इस अवसर पर विभाग के सभी कर्मी, मत्स्य विकास एवं प्रसार पदाधिकारी, मत्स्य पालक और विभिन्न समितियों के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जिले में मत्स्य क्षेत्र का समग्र विकास करना और मत्स्य पालकों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना था।


