भरतपुर. राजस्थान के सभी राजकीय विद्यालयों में अब नया शैक्षणिक सत्र 1 अप्रेल 2026 से शुरू हो जाएगा। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के अनुरूप शिक्षा सत्र को व्यवस्थित करने तथा विद्यार्थियों को समय पर पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लिया है। इसके तहत चार माह पहले ही सत्र की तैयारी शुरू कर दी जाएगी ताकि शिक्षण कार्य समय पर आरंभ हो सके।
यह निर्णय शिक्षा विभाग की शिक्षा संकुल जयपुर में हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता शासन सचिव स्कूल शिक्षा एवं भाषा विभाग ने की। बैठक में प्रारंभिक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, राज्य ओपन स्कूल, साक्षरता मिशन तथा पाठ्यपुस्तक मंडल के अधिकारी उपस्थित रहे। निजी विद्यालयों की तर्ज पर नया सत्र एक अप्रेल से शुरू करने की पीछे विभागीय मंशा यह है कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए उचित समय मिल सके और वह बेहतर तरीके से परीक्षा की तैयार कर सकें।
20 नवंबर से शुरू होंगी अर्धवार्षिक परीक्षाएं
बैठक में तय किया गया कि वर्तमान सत्र की अर्धवार्षिक परीक्षाएं 20 नवबर से शुरू होकर वार्षिक परीक्षाएं 25 मार्च 2026 तक पूर्ण कर ली जाएंगी ताकि नया सत्र समय पर प्रारंभ किया जा सके। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर को निर्देश दिए गए हैं कि कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 12 फरवरी से 11 मार्च 2026 तक कराई जाएं। प्रायोगिक परीक्षाएं 15 जनवरी 2026 से शुरू होंगी। परिणाम 30 अप्रेल 2026 तक जारी करना अनिवार्य होगा, जिसमें कक्षा 10 का परिणाम प्राथमिकता से घोषित किया जाएगा।

समय पर मिलेंगी किताबें
राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडलए जयपुर को नई सत्र 2026-27 की पुस्तकों के मुद्रण व वितरण कार्य को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए शीघ्र ही शासन सचिव की अध्यक्षता में विशेष बैठक बुलाई जाएगी।
राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल व साक्षरता एवं सतत शिक्षा निदेशालय मिलकर उन विद्यार्थियों के लिए समन्वय योजना बनाएंगे जो 10वीं और 12वीं में अनुत्तीर्ण हो जाते हैं। उद्देश्य है कि उन्हें मुख्यधारा में जोड़ा जा सके।
बालिकाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन
राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल की ओर से बालिकाओं को दिए जाने वाले पुरस्कारों का समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा ताकि सभी पात्र छात्राओं को शीघ्र लाभ मिल सके। बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि 1 अप्रेल 2026 से नए सत्र की शुरुआत के साथ नामांकन वृद्धि और शिक्षण गुणवत्ता सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सभी विद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि शिविरा पंचांग के अनुरूप गतिविधियों और कार्यक्रमों की रूपरेखा इसी बदलाव को ध्यान में रखकर तैयार करें।
यह बोले डीईओ
इसको लेकर बैठक में निर्णय हो चुका है। स्कूली शिक्षा का शिड्यूल एनईपी-2020 के अनुरूप होगा। इससे वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी के लिए विद्यार्थियों को अच्छा समय मिलेगा। निजी विद्यालयों का सत्र भी एक अप्रेल से शुरू हो जाता है। सरकार विद्यार्थियों को क्वालिटी एज्युकेशन देने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है।
अतुल चतुर्वेदी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा भरतपुर


