विधानसभा चुनाव की मतगणना से ठीक पहले इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों ने प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ और धांधली की गंभीर आशंका जताई है। बिहारशरीफ स्थित राजद कार्यालय में बुधवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान, प्रत्याशियों ने नालंदा कॉलेज में बनाए गए मतगणना हॉल की क्षमता को जानबूझकर छोटा रखने का आरोप लगाते हुए इसे एजेंटों को प्रक्रिया से बाहर रखने की साजिश करार दिया। इस्लामपुर से राजद प्रत्याशी राकेश रौशन ने कहा कि मतगणना हॉल इतना छोटा है कि वहां सभी एजेंटों का बैठना असंभव है। उन्होंने कहा कि जब काउंटिंग एजेंट बैठ ही नहीं पाएंगे, तो वे प्रक्रिया कैसे देखेंगे? इसका मतलब है कि आप (प्रशासन) कुछ दिखाना नहीं चाहते। 350 लोगों की जगह नहीं, यह साजिश है राकेश रौशन ने इस्लामपुर विधानसभा का उदाहरण देते हुए गणना समझाई। उन्होंने कहा कि हमारे यहां 13 प्रत्याशी हैं। हर प्रत्याशी को 14 टेबल, एक सेंट्रल टेबल और 5 पोस्टल बैलेट टेबल के लिए, यानी कुल 20 एजेंटों का अधिकार है। इस हिसाब से 13 उम्मीदवारों के 260 एजेंट, प्रत्याशी, इलेक्शन एजेंट और मतगणना कर्मी मिलाकर यह संख्या 350 से 400 हो जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस हॉल में केंद्र बनाया गया है, वहां इतने लोग आ ही नहीं सकते। उन्होंने मांग की कि या तो मतगणना केंद्र को बदला जाए या दो-तीन जगहों पर शिफ्ट किया जाए, जैसा कि नियमों में प्रावधान है। स्ट्रांग रूम CCTV और पोस्टल बैलेट पर संदेह गठबंधन ने कुछ दिन पहले स्ट्रांग रूम का CCTV 25 से 28 मिनट तक बंद रहने की घटना पर भी सवाल उठाए। राकेश रौशन ने कहा कि हम लोगों ने वीडियो जारी किया, लेकिन जिलाधिकारी ने जवाब में कहा कि सोलर लाइट बंद करते समय गलती से कैमरा स्विच ऑफ हो गया। क्या एक स्विच दबाने में 28 मिनट लगते हैं? यह बतलाता है कि मंशा स्वच्छ और निष्पक्ष मतदान की नहीं है। प्रत्याशियों ने यह भी मांगें रखीं काउंटिंग शुरू होने से पहले हर टेबल पर पीठासीन अधिकारी की डायरी और EVM का CEO नंबर एजेंटों को डिस्प्ले पर दिखाया जाए। हर राउंड के बाद प्रेक्षक के हस्ताक्षर से रिजल्ट की एक कॉपी सभी उम्मीदवारों को दी जाए। किस विधानसभा में कुल कितने पोस्टल बैलेट डाले गए हैं, इसकी प्रमाणित कॉपी अभी तक नहीं दी गई है। फोन पर मिली जानकारी को प्रामाणिक नहीं माना जा सकता। सड़क से न्यायालय तक संघर्ष करेंगे बिहारशरीफ से कांग्रेस प्रत्याशी उमैर खान ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ (मीडिया) की भी जिम्मेदारी है कि काउंटिंग पारदर्शी हो। उन्होंने कहा कि जब हॉल में 200 आदमी की कैपेसिटी नहीं है, तो 350 लोग कहां से आएंगे? प्रशासन को बड़ा हॉल चुनना चाहिए, यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी के निर्देश पर अनियमितता करने की कोशिश की गई, तो गठबंधन सड़क पर भी संघर्ष करेगा और न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएगा। एग्जिट पोल को बताया पेड मीडिया एग्जिट पोल पर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने विश्वास नहीं जताया। उमैर खान ने 2024 (लोकसभा) का जिक्र करते हुए कहा कि गोदी मीडिया 400 पार करा रहा था, लेकिन नतीजा अलग आया। उन्होंने कहा कि इस बार युवाओं ने जाति का बैरियर तोड़ा है और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत से सरकार बनने जा रही है। विधानसभा चुनाव की मतगणना से ठीक पहले इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों ने प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ और धांधली की गंभीर आशंका जताई है। बिहारशरीफ स्थित राजद कार्यालय में बुधवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान, प्रत्याशियों ने नालंदा कॉलेज में बनाए गए मतगणना हॉल की क्षमता को जानबूझकर छोटा रखने का आरोप लगाते हुए इसे एजेंटों को प्रक्रिया से बाहर रखने की साजिश करार दिया। इस्लामपुर से राजद प्रत्याशी राकेश रौशन ने कहा कि मतगणना हॉल इतना छोटा है कि वहां सभी एजेंटों का बैठना असंभव है। उन्होंने कहा कि जब काउंटिंग एजेंट बैठ ही नहीं पाएंगे, तो वे प्रक्रिया कैसे देखेंगे? इसका मतलब है कि आप (प्रशासन) कुछ दिखाना नहीं चाहते। 350 लोगों की जगह नहीं, यह साजिश है राकेश रौशन ने इस्लामपुर विधानसभा का उदाहरण देते हुए गणना समझाई। उन्होंने कहा कि हमारे यहां 13 प्रत्याशी हैं। हर प्रत्याशी को 14 टेबल, एक सेंट्रल टेबल और 5 पोस्टल बैलेट टेबल के लिए, यानी कुल 20 एजेंटों का अधिकार है। इस हिसाब से 13 उम्मीदवारों के 260 एजेंट, प्रत्याशी, इलेक्शन एजेंट और मतगणना कर्मी मिलाकर यह संख्या 350 से 400 हो जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस हॉल में केंद्र बनाया गया है, वहां इतने लोग आ ही नहीं सकते। उन्होंने मांग की कि या तो मतगणना केंद्र को बदला जाए या दो-तीन जगहों पर शिफ्ट किया जाए, जैसा कि नियमों में प्रावधान है। स्ट्रांग रूम CCTV और पोस्टल बैलेट पर संदेह गठबंधन ने कुछ दिन पहले स्ट्रांग रूम का CCTV 25 से 28 मिनट तक बंद रहने की घटना पर भी सवाल उठाए। राकेश रौशन ने कहा कि हम लोगों ने वीडियो जारी किया, लेकिन जिलाधिकारी ने जवाब में कहा कि सोलर लाइट बंद करते समय गलती से कैमरा स्विच ऑफ हो गया। क्या एक स्विच दबाने में 28 मिनट लगते हैं? यह बतलाता है कि मंशा स्वच्छ और निष्पक्ष मतदान की नहीं है। प्रत्याशियों ने यह भी मांगें रखीं काउंटिंग शुरू होने से पहले हर टेबल पर पीठासीन अधिकारी की डायरी और EVM का CEO नंबर एजेंटों को डिस्प्ले पर दिखाया जाए। हर राउंड के बाद प्रेक्षक के हस्ताक्षर से रिजल्ट की एक कॉपी सभी उम्मीदवारों को दी जाए। किस विधानसभा में कुल कितने पोस्टल बैलेट डाले गए हैं, इसकी प्रमाणित कॉपी अभी तक नहीं दी गई है। फोन पर मिली जानकारी को प्रामाणिक नहीं माना जा सकता। सड़क से न्यायालय तक संघर्ष करेंगे बिहारशरीफ से कांग्रेस प्रत्याशी उमैर खान ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ (मीडिया) की भी जिम्मेदारी है कि काउंटिंग पारदर्शी हो। उन्होंने कहा कि जब हॉल में 200 आदमी की कैपेसिटी नहीं है, तो 350 लोग कहां से आएंगे? प्रशासन को बड़ा हॉल चुनना चाहिए, यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी के निर्देश पर अनियमितता करने की कोशिश की गई, तो गठबंधन सड़क पर भी संघर्ष करेगा और न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएगा। एग्जिट पोल को बताया पेड मीडिया एग्जिट पोल पर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने विश्वास नहीं जताया। उमैर खान ने 2024 (लोकसभा) का जिक्र करते हुए कहा कि गोदी मीडिया 400 पार करा रहा था, लेकिन नतीजा अलग आया। उन्होंने कहा कि इस बार युवाओं ने जाति का बैरियर तोड़ा है और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत से सरकार बनने जा रही है।


