जयपुर। राज्य में दवाओं की गुणवत्ता को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। औषधि नियंत्रण आयुक्तालय ने एक बहुप्रचलित विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स दवा को गम्भीर रूप से अमानक घोषित करते हुए प्रदेशभर के सभी औषधि नियंत्रण अधिकारियों को अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट राजकीय विश्लेषक, औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, जयपुर की जांच रिपोर्ट के आधार पर जारी किया गया है। विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स दवाएं आमतौर पर कमजोरी, नसों की कमजोरी, थकान, एनीमिया, भूख न लगना और विटामिन की कमी जैसी स्थितियों में दी जाती हैं। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और लंबे समय से बीमार मरीजों में इसका व्यापक उपयोग होता है।
जांच में विटामिन बी-1, बी-2, बी-6, बी-12 एवं नायसिनामाइड टैबलेट (बायोन-इन फोर्ट) को मानकों पर खरा नहीं पाया गया। दवा का बैच नंबर एलपीटी-2526026, निर्माण माह अप्रैल 2025 और समाप्ति सितंबर 2026 है।इस दवा में आवश्यक घटक कैल्शियम पैंटोथेनेट (विटामिन बी-5) की मात्रा पूरी तरह शून्य पाई गई। गौरतलब है कि असली निर्माता की ओर से निर्मित शून्य घटक की दवा को नकली की श्रेणी में माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स दवाओं में सभी विटामिन निर्धारित मात्रा में होना अनिवार्य है। कैल्शियम पैंटोथेनेट की अनुपस्थिति का अर्थ है कि दवा मरीज को वह लाभ ही नहीं दे रही, जिसके लिए उसे लिया जा रहा है। इसी गंभीर कमी के चलते इसे गम्भीर रूप से श्रेणी में रखा गया है। यह दवा लैनेट फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड, कोटद्वार (उत्तराखंड) की निर्मित बताई गई है। औषधि नियंत्रण आयुक्तालय ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में इस दवा की तत्काल पहचान कर बिक्री रोकें। संबंधित निर्माता की अन्य दवाओं के नमूने भी नियमानुसार जांच के लिए लेने को कहा गया है।


