बांका सांसद ने अतिक्रमण हटाने की नीति पर उठाए सवाल:सरकार को घेरा, कार्रवाई में भेदभाव का आरोप

बांका सांसद ने अतिक्रमण हटाने की नीति पर उठाए सवाल:सरकार को घेरा, कार्रवाई में भेदभाव का आरोप

बांका सांसद और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव गिरधारी यादव ने एक बार फिर अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने जमुई के चकाई में एक कार्यक्रम के दौरान अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर सरकार की मंशा पर निशाना साधा। सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए सांसद यादव ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की शुरुआत बड़े और प्रभावशाली लोगों से होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि हमेशा गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को ही क्यों निशाना बनाया जाता है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में भेदभाव का आरोप सांसद ने जोर देकर कहा कि सरकार की नीति सभी के लिए समान होनी चाहिए। उन्होंने पूछा कि छोटे दुकानदारों, ठेले वालों और गरीब परिवारों को हटाने से पहले बड़े लोगों के अतिक्रमण पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। सांसद के अनुसार, जब तक अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया निष्पक्ष और समान नहीं होगी, तब तक ऐसे सवाल उठते रहेंगे। अपनी ही सरकार के खिलाफ दिए गए इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। सांसद गिरधारी यादव का यह बयान प्रशासन के साथ-साथ सत्तारूढ़ दल के भीतर भी हलचल पैदा करने वाला माना जा रहा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि सांसद का यह बयान जमीनी हकीकत को सामने लाता है। बांका सांसद और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव गिरधारी यादव ने एक बार फिर अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने जमुई के चकाई में एक कार्यक्रम के दौरान अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर सरकार की मंशा पर निशाना साधा। सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए सांसद यादव ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की शुरुआत बड़े और प्रभावशाली लोगों से होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि हमेशा गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को ही क्यों निशाना बनाया जाता है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में भेदभाव का आरोप सांसद ने जोर देकर कहा कि सरकार की नीति सभी के लिए समान होनी चाहिए। उन्होंने पूछा कि छोटे दुकानदारों, ठेले वालों और गरीब परिवारों को हटाने से पहले बड़े लोगों के अतिक्रमण पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। सांसद के अनुसार, जब तक अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया निष्पक्ष और समान नहीं होगी, तब तक ऐसे सवाल उठते रहेंगे। अपनी ही सरकार के खिलाफ दिए गए इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। सांसद गिरधारी यादव का यह बयान प्रशासन के साथ-साथ सत्तारूढ़ दल के भीतर भी हलचल पैदा करने वाला माना जा रहा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि सांसद का यह बयान जमीनी हकीकत को सामने लाता है।  

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