Bangladesh Violence: बांग्लादेशी पत्रकार मुक्तादिर राशिद ने बांग्लादेश की सरकार से भारत और दूसरे पड़ोसी देशों के साथ ‘शांतिपूर्ण’ संबंध बनाए रखने की अपील की है।
इसके साथ ही उन्होंने जमात-ए-इस्लामी के छात्र संगठन ‘इस्लामी छात्र शिबिर’ की भारत विरोधी भावनाओं के लिए आलोचना भी की है।
देश में मौजूदा हिंसक उथल-पुथल पर बात करते हुए राशिद ने कहा- शिबिर समर्थित छात्र ढाका में भारतीय उच्चायोग को गिराना चाहते थे। हमें ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। हम इस तरह के संबंध नहीं चाहते।
मुख्य धारा में आना चाहते हैं बाहरी तत्व- राशिद
राशिद ने कहा- बांग्लादेश में ज्यादातर लोगों को यह उम्मीद नहीं थी कि भारत के खिलाफ इस तरह की हिंसा होगी। बाहरी तत्वों ने ऐसा किया है। वे मुख्यधारा में आना चाहते हैं।
उन्होंने कहा- हम अपने पड़ोसियों भारत, पाकिस्तान, नेपाल और मालदीव के साथ बहुत शांतिपूर्ण संबंध चाहते हैं क्योंकि बांग्लादेश एक शांतिपूर्ण देश है और वे 1980 के दशक में हमारे सभी भाइयों और बहनों को एक ही मंच पर लाना चाहते थे ताकि हमारे बीच समानता और सहयोग हो।
हिंदू शख्स की मौत पर क्या बोले राशिद?
वहीं, देश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश में हिंदू व्यक्ति दीपू चंद्र दास की लिंचिंग का जिक्र करते हुए राशिद ने इस घटना को मानवीय नजरिए से देखने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा- हम चाहते हैं कि पड़ोसियों के बीच संबंध हमेशा शांतिपूर्ण रहें। कुछ गलतियां होती हैं, जब मैं किसी को प्रताड़ित होते और आग लगाते देखता हूं तो मुझे बहुत सदमा लगता है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो।
चाहे वह बौद्ध हो, ईसाई हो, मुस्लिम हो या कोई भी हो। लेकिन हमें इसे सांप्रदायिक नजरिए से नहीं देखना चाहते, हमें इसे मानवीय नजरिए से देखना चाहिए और केवल वही टिक सकता है।
हिंदू शख्स की मौत पर उठे सवाल
दीपू दास की बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में हत्या कर दी गई, जिससे व्यापक आलोचना हुई और देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर फिर से सवाल उठे।
इस घटना के बाद बांग्लादेश और भारत में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। बुधवार को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल ने विजयवाड़ा में मॉब लिंचिंग के खिलाफ बाइक रैली निकाली।
प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस का पुतला भी जलाया। पड़ोसी देश में हो रहे घटनाक्रमों को लेकर संबंधों में स्पष्ट तनाव के बीच भारत ने मंगलवार को बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब किया।


