बालाघाट जिला नक्सलमुक्त, 12 नक्सलियों ने किया सरेंडर:केंद्रीय गृह मंत्रालय की डेडलाइन से पहले हथियार डाले; अब केवल एक नक्सली बचा

बालाघाट जिला नक्सलमुक्त, 12 नक्सलियों ने किया सरेंडर:केंद्रीय गृह मंत्रालय की डेडलाइन से पहले हथियार डाले; अब केवल एक नक्सली बचा

बालाघाट जिले की बॉर्डर से सटे छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ स्थित थाना बकर कट्टा में 12 कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) कैडर ने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया। बालाघाट जिला जो 1990 के दशक से नक्सलवाद से प्रभावित था, केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से तय मार्च 2026 की समय-सीमा से पहले ही आधिकारिक तौर पर नक्सल मुक्त हो गया है। पुलिस के अनुसार, अब केवल नक्सली दीपक ही शेष है, जिसके भी जल्द आत्मसमर्पण करने की उम्मीद है। जोन प्रभारी सहित नक्सलियों ने किया सरेंडर, 12 हथियार सौंपे आत्मसमर्पण करने वालों में एमएमसी जोन प्रभारी रामधेर मज्जी भी शामिल हैं, जिन्होंने एके-47 राइफल सौंपी। उनकी गार्ड रही हार्डकोर नक्सली सुनीता ओयाम ने पहले ही बालाघाट पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। कुल 12 हथियार सौंपे गए, जिनमें दो एके-47, दो इंसास, एक एसएलआर और दो .303 राइफलें शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वाले अन्य प्रमुख नक्सलियों में चंदू उसेंडी (डीवीसीएम), ललिता (डीवीसीएम), जानकी (डीवीसीएम), प्रेम (डीवीसीएम), रामसिंह दादा (एसीएम), सुकेश पोट्टम (एसीएम), लक्ष्मी (पीएम), शीला (पीएम), सागर (पीएम), कविता (पीएम) और योगिता (पीएम) शामिल हैं। इन नक्सलियों ने पुनर्वास योजना के तहत आत्मसमर्पण किया है। उन्हें राज्य सरकार की मौजूदा पुनर्वास नीति के तहत आर्थिक सहायता, कौशल विकास प्रशिक्षण और सामाजिक पुनर्स्थापन का आश्वासन दिया गया है। ये खबर भी पढ़ें… 1. MP में 2.36 करोड़ के इनामी 10 नक्सलियों का सरेंडर, CM बोले- इनका पुनर्वास कराएंगे बालाघाट जिले में नक्सल इतिहास में पहली बार 10 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने अपने हथियार सौंपकर आत्मसमर्पण किया। इसमें 62 लाख रुपए के इनामी हार्डकोर नक्सली सुरेंद्र उर्फ कबीर भी शामिल हैं। सभी 10 नक्सलियों पर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में कुल 2 करोड़ 36 लाख रुपए का इनाम घोषित था। पढ़े पूरी खबर… 2. महिला नक्सली का सरेंडर, मंडला एसपी बोले- आत्मसमर्पण पर नौकरी व जमीन मिलेगी बालाघाट में सुनीता ने 1 नवंबर को चौरिया में बन रहे हॉकफोर्स के कैंप में आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद पुलिस और सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है। इस घटना ने अन्य नक्सलियों के मुख्यधारा में लौटने की उम्मीद जगाई है। इसके मद्देनजर मंडला पुलिस ने नक्सल प्रभावित इलाकों में जनजागरण अभियान तेज कर दिया है। पढ़े पूरी खबर… 3. महिला नक्सली बोली– बदनाम करने लगे थे, इसलिए सरेंडर किया, हथियार चलाने में माहिर बालाघाट में पहली बार महिला नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है। सरेंडर करने वाली सुनीता आयाम (22) हथियार चलाने में माहिर है। मध्यप्रदेश–महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में वह मोस्ट वॉन्टेड है। उस पर 14 लाख का इनाम भी घोषित है। पूछताछ में उसने बताया है कि उसे दलम में बदनाम किया जा रहा था, इसलिए सरेंडर करने का निर्णय लिया। पढ़े पूरी खबर…

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