नगर निगम में रिटायर सफाई कर्मचारी की एसीपी (निश्चित करियर प्रगति) की फाइल दबाने, बीमा और उनके अन्य भुगतान न करने वाले बाबू को सस्पेंड कर दिया गया है। बाबू की कार्यशैली से पीड़ित होकर महिला कर्मचारी ने कोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट में याचिका लगाने के बाद भी बाबू लगातार लाारवाही कर रहा था। उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद भी वह रिटायर कर्मचारी की फाइल को आगे नहीं बढ़ा रहा था। जिसके बाद नगर आयुक्त अर्पित उपाध्याय ने जोन 4 में तैनात कनिष्ठ लिपिक मंजीत खन्ना को सस्पेंड कर दिया है। 9 साल से महिला कर्मचारी हो रही परेशान नगर निगम के जोन-4 के वार्ड 5 में सफाई कर्मचारी रही लक्ष्मिन 29 फरवरी 2016 को रिटायर हो गई थी। रिटायमेंट के बाद उन्हें एसीपी, बीमा और अन्य भुगतान किए जाने थे। लेकिन रिटायरमेंट के 9 साल बाद भी उन्हें यह सारे भुगतान नहीं किए गए। आरोपी बाबू मंजीत खन्ना लगातार महिला कर्मचारी को परेशान कर रहा था और उनकी फाइल को दबाकर बैठा था। जिसके बाद महिला कर्मचारी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटकाया था। बाबू को समय-समय पर सक्षम अधिकारियों द्वारा पत्र जारी किए गए, लेकिन वह लगातार उच्च अधिकारियों के आदेश की अनदेखी कर रहा था। सहायक नगर आयुक्त करेंगे प्रकरण की जांच नगर आयुक्त के आदेश पर काम में लापरवाही, उदासीनता, अनुशासनहीनता करने वाले बाबू मंजीत खन्ना को सस्पेंड कर दिया गया है। नगर आयुक्त के जारी आदेशों के अनुसार निलंबन काल में बाबू को आधा वेतन दिया जाएगा और कोई मंहगाई भत्ता देय नहीं होगा। बाबू को अन्य मदों का भुगतान तभी किया जाएगा जब मंजीत खन्ना जोन-4 स्वास्थ्य विभाग को इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें, कि वह किसी अन्य व्यापार या व्यवसाय में नहीं लगे हैं।नगर आयुक्त ने प्रकरण की जांच सहायक नगर आयुक्त विद्या सागर यादव को सौंपी है।मंजीत को निलंबन अवधि में जांच अधिकारी कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है। 26 बाबुओं के भी हुए तबादले नगर आयुक्त अर्पित उपाध्याय ने लापरवाही करने वाले बाबू पर कार्रवाई करने के साथ ही वर्षों से एक ही सीट पर जमे 26 लिपिकों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया है। स्वास्थ्य विभाग में वर्षों से डटे 14 लिपिकों को नगर आयुक्त ने सीट से हटाकर अन्य विभाग में भेजा है। वहीं नगर निगम के स्कूलों, सामान्य प्रशासन और उद्यान विभाग में भी डटे 12 अन्य लिपिकों को भी इधर से उधर किया गया है।


