जनसुनवाई में बबीता चौहान ने की बेहोश महिला की मदद:महिला आयोग की अध्यक्ष बुर्का को लेकर बोलीं- अस्पताल और सरकारी दफ्तरों में भी नहीं हटातीं नकाब

जनसुनवाई में बबीता चौहान ने की बेहोश महिला की मदद:महिला आयोग की अध्यक्ष बुर्का को लेकर बोलीं- अस्पताल और सरकारी दफ्तरों में भी नहीं हटातीं नकाब

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान मंगलवार को महिलाओं की शिकायतें सुनने के लिए आगरा के सर्किट हाउस पहुंचीं। यहां आयोजित जनसुनवाई में उन्होंने घरेलू हिंसा, दुष्कर्म और मारपीट से जुड़े कुल 42 मामलों की सुनवाई की। इसी दौरान मानवता का परिचय देते हुए उन्होंने एक बीमार महिला की तुरंत मदद की, जो शिकायत सुनवाई के दौरान अचानक बेहोश हो गई। घरेलू हिंसा के मामलों की अधिकता
सर्किट हाउस में हुई जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं अपनी समस्याएं लेकर पहुंचीं। आयोग अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत 42 प्रार्थना पत्रों में अधिकांश मामले घरेलू हिंसा से जुड़े थे। डॉ. बबीता चौहान ने पुलिस, चिकित्सा, महिला कल्याण, विधिक एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीड़ित महिलाओं को तत्काल राहत और न्याय सुनिश्चित किया जाए तथा दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। सुनवाई के दौरान महिला बेहोश, अध्यक्ष ने दिखाई संवेदनशीलता
जनसुनवाई के दौरान बमरौली कटारा क्षेत्र की एक महिला अचानक बेहोश हो गई। पीड़िता ने वर्ष 2023 में बोदला निवासी पति और ससुरालियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। सुनवाई में देरी और मानसिक तनाव के कारण महिला अवसाद में थी और तीन दिनों से उसने खाना भी नहीं खाया था। महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान के सामने ही महिला की तबीयत बिगड़ गई। डॉ. बबीता चौहान ने तुरंत महिला को संभाला, उसे घोल पिलाया और 108 एम्बुलेंस सेवा पर कॉल करवाई। करीब आधे घंटे तक वह सर्किट हाउस के गेट पर खड़ी रहकर एम्बुलेंस का इंतजार करती रहीं। एम्बुलेंस पहुंचने पर उन्होंने महिला को उसकी मां के साथ इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया। अधिकारियों को सख्त निर्देश
डॉ. बबीता चौहान ने स्पष्ट कहा कि राज्य महिला आयोग महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं से जुड़े मामलों को संवेदनशीलता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की जाए। उन्होंने अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ काम करने और पीड़ित महिलाओं को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बयान भी चर्चा में
जनसुनवाई के बाद डॉ. बबीता चौहान ने मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने को लेकर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि कई महिलाएं अस्पतालों और सरकारी दफ्तरों में भी नकाब नहीं हटातीं, जिससे योजनाओं का लाभ देने में दिक्कत आती है। उनके अनुसार महिलाओं की सुरक्षा घर के भीतर भी एक गंभीर विषय है, जिस पर समाज को विचार करना चाहिए।

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