आयुष्मान अस्पताल:जितने बताए उससे आधे बेड… बिना कारण ICU में भर्ती रखे मरीज, कागजों में डॉक्टर

आयुष्मान अस्पताल:जितने बताए उससे आधे बेड… बिना कारण ICU में भर्ती रखे मरीज, कागजों में डॉक्टर

आयुष्मान के नाम पर मान्यता का खेल किस कदर सिस्टम में हावी है इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि राजधानी के 9 अस्पतालों की संबंद्धता समाप्त कर दी है। इन 9 अस्पतालों में घोषित क्षमता के मुकाबले करीब 30 से 50 प्रतिशत बेड कम पाए गए। कहीं बिना किसी ठोस कारण के मरीजों को आईसीयू में भर्ती करवा दिया गया। नॉन ऑपरेशनल बेड के बावजूद इन पर उपचार दिखाया गया फर्जी डॉक्टर द्वारा संचालन पाया गया। कई जगह फायर एनओसी भी एक्सपायर पाई गई। बावजूद इसके यहां धड़ल्ले से आयुष्मान योजना के तहत अस्पताल का न केवल संचालन किया जा रहा था बल्कि मरीजों को भर्ती कर पैकेज लगाकर अनुचित लाभ कमाने का धंधा भी शुरू था। दरअसल, स्टेट हेल्थ एजेंसी ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दक्ष आयुष्मान नाम से जीरो टॉलरेंस टू फ्रॉड एंड एब्यूज फ्रेमवर्क लागू किया है। इसकी हाल ही में जारी दिसंबर की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इसका मकसद सार्वजनिक धन की सुरक्षा, नैतिक स्वास्थ्य सेवाओं की सुनिश्चितता और लाभार्थियों के हितों की रक्षा करना है। यह फ्रेमवर्क प्रीवेंशन, डिटेंशन और डिटरेंस तीन आपस में जुड़े स्तंभों पर आधारित है, ताकि आयुष्मान के तहत एंड-टू-एंड फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट हो सके। इसके तहत हॉस्पिटलों के खिलाफ शिकायतों के बाद राजधानी के 57 अस्पतालों की जांच की गई। इसमें से महज 19 अस्पतालों का संचालन सही पाया गया। 28 अस्पतालों में कमियां पाई गई इन्हें नोटिस जारी किया गया है। एक अस्पताल को चेतावनी पत्र जारी किया गया है। 9 अस्पताल ऐसे हैं, जिन्हें तत्काल आयुष्मान से संबंद्धता खत्म कर दी गई है। 276 निजी अस्पतालों का निरीक्षण, 5.58 करोड़ की पेनल्टी राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी को सख्त करते हुए 276 निजी अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के आधार पर नियमों के उल्लंघन और अनियमितताओं पर 5.58 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई, जबकि 1.39 करोड़ रुपए की राशि की रिकवरी भी की गई है। गड़बड़ियां : अनावश्यक आईसीयू एडमिशन, पैकेज का दुरुपयोग हम अब ऑपरेशन दक्ष के तहत जीरो टालेंस की तरफ बढ़ रहे हैं। अस्पतालों द्वारा किसी भी स्तर पर लापरवाही या कमियां बर्दाश्त नहीं की जाएगी। औचक निरीक्षण में खामियां पाए जाने पर तत्काल संबंद्धता समाप्त कर दी जाएगी। इसके बाद भी कोई अस्पताल नहीं सुधरता है तो उस पर एफआईआर तक दर्ज कराई जाएगी।
– डॉ. योगेश भरसट, सीईओ, आयुष्मान भारत निरामय योजना मप्र

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