आयुर्वेद Ayurveda और योग Yoga को हजारों वर्ष पहले वैज्ञानिक आधार पर विकसित किया गया था। आज के तनावपूर्ण जीवन में स्वस्थ रहने के लिए ये दोनों अत्यंत आवश्यक हैं। वर्तमान समय में लोग अधिकतर असंक्रामक रोगों से जूझ रहे हैं, जिनका मुख्य कारण बदली हुई खान-पान की आदतें, तनावपूर्ण जीवनशैली, शारीरिक व्यायाम की कमी और मानसिक तनाव है। मानसिक तनाव का प्रबंधन समाज के सामने एक बड़ी चुनौती बन गया है।
संपूर्ण आहार और जीवनशैली
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव ने गुरुवार को शहर के पैलेस ग्राउंड में आयोजित आयुर्वेद वल्र्ड समिट कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद और योग बीमारियों की रोकथाम के प्रभावी जीवन-पद्धति हैं। आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि एक संपूर्ण आहार और जीवनशैली है।
दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
निरोगी जीवन के लिए योग को अपनाएं इसे दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। योग जीवन जीने की कलां है, योग अनुशासित रहना सिखाता है। आयुर्वेद के क्षेत्र में और अधिक शोध होना चाहिए तथा विशेष रूप से प्रशिक्षित विशेषज्ञ चिकित्सक तैयार किए जाने चाहिए। जैसे आधुनिक चिकित्सा में गुर्दा विशेषज्ञों पर सहज विश्वास किया जाता है, वैसे ही आयुर्वेद में भी उचित मानकों के तहत विशेषज्ञों को प्रमाणपत्र देने की व्यवस्था विकसित होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन बड़े स्तर पर आयोजित किया गया है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आयुर्वेद चिकित्सक शामिल हुए हैं।


