कमतौल सदर-2 के डीएसपी शुभेन्द्र कुमार सुमन ने बुधवार को प्लस टू राम श्रृंगारी कन्या उच्च विद्यालय में छात्राओं को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक किया। यह कार्यक्रम कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत आयोजित किया गया था। डीएसपी ने छात्राओं को साइबर अपराध से बचने के कई तरीके बताए। उन्होंने समझाया कि कैसे सोशल मीडिया के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट और फ्रॉड कॉल करके मासूम बच्चों को फंसाया जाता है। लड़कियों को निशाना बनाने वाले अपराधों पर जोर उन्होंने विशेष रूप से लड़कियों को निशाना बनाने वाले अपराधों पर प्रकाश डाला, जैसे यौन शोषण और शादी का प्रलोभन देकर जीवन बर्बाद करना। फ्रॉड कॉल, डिजिटल अरेस्टिंग, व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपराधी लड़कियों को अपने जाल में फंसाते हैं। आठवीं से ग्यारहवीं कक्षा तक की छात्राओं को डिजिटल अरेस्टिंग और सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचने के उपाय बताए गए। डीएसपी ने सलाह दी कि यदि कोई फोन, मैसेज या स्कूल आते-जाते समय परेशान करे, तो तुरंत 112 पर संपर्क करें। उन्होंने छात्राओं को इंटरनेट का उपयोग केवल पढ़ाई और ज्ञान के लिए करने की सलाह दी। सोशल मीडिया का इस्तेमाल सावधानी से करने और किसी भी अनजान व्यक्ति से संपर्क न रखने को कहा गया। अपनी निजी जानकारी, मोबाइल नंबर और फोटो किसी से साझा न करने की हिदायत भी दी गई। इस अवसर पर कमतौल सर्किल के पुलिस इंस्पेक्टर रामेश्वर साफी, प्रभारी प्रधानाध्यापक डॉ. तबरेज आलम सहित विद्यालय के सभी शिक्षक और शिक्षिकाएं मौजूद थे। कमतौल सदर-2 के डीएसपी शुभेन्द्र कुमार सुमन ने बुधवार को प्लस टू राम श्रृंगारी कन्या उच्च विद्यालय में छात्राओं को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक किया। यह कार्यक्रम कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत आयोजित किया गया था। डीएसपी ने छात्राओं को साइबर अपराध से बचने के कई तरीके बताए। उन्होंने समझाया कि कैसे सोशल मीडिया के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट और फ्रॉड कॉल करके मासूम बच्चों को फंसाया जाता है। लड़कियों को निशाना बनाने वाले अपराधों पर जोर उन्होंने विशेष रूप से लड़कियों को निशाना बनाने वाले अपराधों पर प्रकाश डाला, जैसे यौन शोषण और शादी का प्रलोभन देकर जीवन बर्बाद करना। फ्रॉड कॉल, डिजिटल अरेस्टिंग, व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपराधी लड़कियों को अपने जाल में फंसाते हैं। आठवीं से ग्यारहवीं कक्षा तक की छात्राओं को डिजिटल अरेस्टिंग और सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचने के उपाय बताए गए। डीएसपी ने सलाह दी कि यदि कोई फोन, मैसेज या स्कूल आते-जाते समय परेशान करे, तो तुरंत 112 पर संपर्क करें। उन्होंने छात्राओं को इंटरनेट का उपयोग केवल पढ़ाई और ज्ञान के लिए करने की सलाह दी। सोशल मीडिया का इस्तेमाल सावधानी से करने और किसी भी अनजान व्यक्ति से संपर्क न रखने को कहा गया। अपनी निजी जानकारी, मोबाइल नंबर और फोटो किसी से साझा न करने की हिदायत भी दी गई। इस अवसर पर कमतौल सर्किल के पुलिस इंस्पेक्टर रामेश्वर साफी, प्रभारी प्रधानाध्यापक डॉ. तबरेज आलम सहित विद्यालय के सभी शिक्षक और शिक्षिकाएं मौजूद थे।


