सिक्योरिटी अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) ने अवधूत साठे और उनकी एकेडमी (ASTA) को थोड़ी राहत दी है। ट्रिब्यूनल ने एकेडमी को अपने बैंक खातों से हर महीने 2.25 करोड़ रुपए निकालने की अनुमति दे दी है। यह फैसला मार्केट रेगुलेटर SEBI के उस अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर अपील पर आया है, जिसमें साठे के 546 करोड़ रुपए जब्त करने और उन्हें शेयर बाजार से प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया गया था। अब इस मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी 2026 को होगी। दिसंबर में सेबी ने की थी सख्त कार्रवाई सेबी ने 4 दिसंबर को एक अंतरिम आदेश जारी किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि अवधूत साठे ट्रेडिंग एकेडमी ‘शिक्षा’ और ‘ट्रेनिंग’ के नाम पर बिना रजिस्ट्रेशन के इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी और रिसर्च एनालिस्ट की सर्विसेज दे रही थी। सेबी ने एकेडमी को बाजार से बाहर करने के साथ ही अवैध तरीके से कमाए गए 546 करोड़ रुपए जब्त करने का आदेश दिया था। साठे ने इस आदेश को ‘आर्थिक मौत’ बताते हुए सिक्योरिटी अपीलेट ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी। एकेडमी ने मांगे थे ₹5.25 करोड़, ट्रिब्यूनल ने ₹2.25 करोड़ दिए अवधूत साठे की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि सेबी के आदेश के कारण उनके सारे खाते फ्रीज हो गए हैं, जिससे बिजनेस चलाना मुश्किल हो गया है। एकेडमी ने स्टाफ की सैलरी और अन्य खर्चों के लिए हर महीने 5.25 करोड़ रुपए निकालने की परमिशन मांगी थी। हालांकि, सेबी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इसमें से करीब 3 करोड़ रुपए सिर्फ विज्ञापन और सेमिनार के लिए हैं, जो अभी जरूरी नहीं हैं। सुनवाई के बाद जस्टिस पीएस दिनेश कुमार ने 2.25 करोड़ रुपए निकालने की परमिशन दी है। सेबी का आरोप- झांसा देकर फंसाया, लोगों को भारी नुकसान हुआ सेबी ने अपनी जांच में पाया कि एकेडमी सोशल मीडिया पर लुभावने वीडियो और झूठे टेस्टिमोनियल दिखाती थी। साठे पर आरोप है कि वे अपने वीडियो में केवल मुनाफे वाले ट्रेड दिखाते थे, जबकि हकीकत में उनके कई क्लाइंट्स को भारी नुकसान हुआ था। रेगुलेटर ने यह भी कहा कि मार्च 2024 में चेतावनी देने के बावजूद साठे ने अपने काम करने के तरीके नहीं बदले, जिसके बाद अगस्त 2025 में उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई और सबूत जुटाए गए। लाइव मार्केट डेटा के इस्तेमाल पर भी रोक सेबी ने अपने आदेश में साठे और उनकी एकेडमी को निर्देश दिया है कि वे अपने किसी भी ट्रेनिंग प्रोग्राम या सेमिनार में लाइव मार्केट डेटा का इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें। इसके अलावा, उनसे कुल 601 करोड़ रुपए की वसूली का भी आदेश दिया गया है। साठे के वकील का कहना है कि सेबी ने उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिए बिना ही यह एकतरफा आदेश जारी कर दिया। अगली सुनवाई में सेबी को देना होगा जवाब SAT ने अब इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सेबी को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया है। तब तक साठे को हर महीने अपने खर्चों के लिए तय राशि निकालने की अनुमति रहेगी। 9 जनवरी को होने वाली सुनवाई में तय होगा कि सेबी का बैन बरकरार रहेगा या साठे को और राहत मिलेगी। ये खबर भी पढ़ें… भाविश अग्रवाल ने ओला इलेक्ट्रिक के ₹324 करोड़ शेयर बेचे: लगातार तीन दिन में अपनी 2.2% हिस्सेदारी बेची; कंपनी का 260 करोड़ का लोन चुकाया ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के फाउंडर और प्रमोटर भाविश अग्रवाल ने 18 दिसंबर को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में कंपनी के शेयर बेचे। तीन दिनों में वे करीब 2.2% हिस्सेदारी बेच चुके हैं, जिसकी कुल वैल्यू 324 करोड़ रुपए से ज्यादा है। एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, भाविश अग्रवाल ने गुरुवार को ओला इलेक्ट्रिक के 2.83 करोड़ इक्विटी शेयर (कुल पेड-अप कैपिटल का 0.64%) 31.9 रुपए प्रति शेयर की औसत कीमत पर बेचे। पूरी खबर पढ़ें…
अवधूत साठे ट्रेडिंग एकेडमी को SAT से राहत:बैंक खातों से हर महीने ₹2.25 करोड़ निकाल सकेंगे; सेबी ने ₹546 करोड़ जब्त करने और मार्केट बैन का आदेश दिया था


