औरंगाबाद डीएम ने धीमी राजस्व वसूली पर जताई नाराजगी:टारगेट के मुकाबले मात्र 45.86 प्रतिशत रेवेन्यू कलेक्शन, दाखिल-खारिज के केस में पेडिंग पर चिंता जताई

औरंगाबाद डीएम ने धीमी राजस्व वसूली पर जताई नाराजगी:टारगेट के मुकाबले मात्र 45.86 प्रतिशत रेवेन्यू कलेक्शन, दाखिल-खारिज के केस में पेडिंग पर चिंता जताई

औरंगाबाद में समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में सोमवार को जिला पदाधिकारी श्रीकान्त शास्त्री की अध्यक्षता में जिला स्तरीय आंतरिक संसाधन एवं राजस्व संबंधी कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न विभागों की राजस्व वसूली की प्रगति और आंतरिक संसाधनों की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई। सभी विभागों ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से अपनी उपलब्धियों एवं चुनौतियों की जानकारी प्रस्तुत की। समीक्षा के दौरान पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिले को आवंटित कुल लक्ष्य के विरुद्ध अब तक मात्र 45.86 प्रतिशत राजस्व ही संग्रह किया जा सका है। इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए डीएम ने संबंधित अधिकारियों को राजस्व वसूली की गति तेज करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मासिक लक्ष्यों को हर हाल में पूरा किया जाए, ताकि निर्धारित वार्षिक लक्ष्य समय पर हासिल किया जा सके। बैठक में कई विभागों की प्रगति का एनालिसिस भी किया गया बैठक में खान एवं भू-तत्व, निबंधन कार्यालय, परिवहन, वाणिज्य कर, राष्ट्रीय बचत, नगर परिषद औरंगाबाद व दाउदनगर, नगर पंचायत रफीगंज व नबीनगर, वन प्रमंडल, माप-तौल, सिंचाई प्रमंडल, नहर प्रमंडल तथा जिला नीलाम पत्र कार्यालय सहित कई विभागों की प्रगति का विस्तृत विश्लेषण किया गया। दाखिल–खारिज की समीक्षा के दौरान यह सामने आया कि जिले में 375 मामले ऐसे हैं जो 75 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं। इनमें औरंगाबाद सदर अंचल में सर्वाधिक 170 मामले पेंडिंग पाए गए। डीएम ने इस पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए अंचलाधिकारी को एक सप्ताह के भीतर सभी लंबित मामलों का निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। वहीं हसपुरा अंचल में दाखिल-खारिज से जुड़ा एक भी मामला लंबित नहीं मिला। 1404 दाखिल खारिज के मामलों में से 166 का ही किया गया है निष्पादन सरकारी भूमि से जुड़े 1404 दाखिल-खारिज मामलों में से 166 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है। ऑनलाइन भू-राजस्व संग्रह में भी प्रगति धीमी रही, जहां 26.50 करोड़ रुपए के लक्ष्य के मुकाबले अब तक केवल 2.21 करोड़ रुपए की ही वसूली हो सकी है। डीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी अंचलों को सक्रिय रूप से वसूली बढ़ाने का निर्देश दिया। अभियान बसेरा फेस-2 की समीक्षा में बताया गया कि 2466 लाभुकों का सर्वेक्षण कर 1578 को भूमि पर्चा वितरित किया गया है, जबकि 662 लाभुक अयोग्य पाए गए। आधार सीडिंग में जिले की 83.8% जमाबंदियों को आधार से लिंक किया जा चुका है। डीएम ने शेष कार्य जल्द पूरा करने का आदेश दिया। बैठक में भूमि ई-मापी, परिमार्जन प्लस, अतिक्रमण हटाने, भू-लगान जमा कराने एवं राजस्व प्रशासन को डिजिटल व पारदर्शी बनाने के अन्य प्रयासों की भी विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में अपर समाहर्ता अनुग्रह नारायण सिंह, अपर समाहर्ता (आपदा) उपेंद्र पंडित, सदर डीसीएलआर श्वेतांक लाल, वरीय उपसमाहर्ता रितेश कुमार यादव, सभी अंचलाधिकारी, राजस्व अधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। औरंगाबाद में समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में सोमवार को जिला पदाधिकारी श्रीकान्त शास्त्री की अध्यक्षता में जिला स्तरीय आंतरिक संसाधन एवं राजस्व संबंधी कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न विभागों की राजस्व वसूली की प्रगति और आंतरिक संसाधनों की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई। सभी विभागों ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से अपनी उपलब्धियों एवं चुनौतियों की जानकारी प्रस्तुत की। समीक्षा के दौरान पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिले को आवंटित कुल लक्ष्य के विरुद्ध अब तक मात्र 45.86 प्रतिशत राजस्व ही संग्रह किया जा सका है। इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए डीएम ने संबंधित अधिकारियों को राजस्व वसूली की गति तेज करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मासिक लक्ष्यों को हर हाल में पूरा किया जाए, ताकि निर्धारित वार्षिक लक्ष्य समय पर हासिल किया जा सके। बैठक में कई विभागों की प्रगति का एनालिसिस भी किया गया बैठक में खान एवं भू-तत्व, निबंधन कार्यालय, परिवहन, वाणिज्य कर, राष्ट्रीय बचत, नगर परिषद औरंगाबाद व दाउदनगर, नगर पंचायत रफीगंज व नबीनगर, वन प्रमंडल, माप-तौल, सिंचाई प्रमंडल, नहर प्रमंडल तथा जिला नीलाम पत्र कार्यालय सहित कई विभागों की प्रगति का विस्तृत विश्लेषण किया गया। दाखिल–खारिज की समीक्षा के दौरान यह सामने आया कि जिले में 375 मामले ऐसे हैं जो 75 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं। इनमें औरंगाबाद सदर अंचल में सर्वाधिक 170 मामले पेंडिंग पाए गए। डीएम ने इस पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए अंचलाधिकारी को एक सप्ताह के भीतर सभी लंबित मामलों का निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। वहीं हसपुरा अंचल में दाखिल-खारिज से जुड़ा एक भी मामला लंबित नहीं मिला। 1404 दाखिल खारिज के मामलों में से 166 का ही किया गया है निष्पादन सरकारी भूमि से जुड़े 1404 दाखिल-खारिज मामलों में से 166 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है। ऑनलाइन भू-राजस्व संग्रह में भी प्रगति धीमी रही, जहां 26.50 करोड़ रुपए के लक्ष्य के मुकाबले अब तक केवल 2.21 करोड़ रुपए की ही वसूली हो सकी है। डीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी अंचलों को सक्रिय रूप से वसूली बढ़ाने का निर्देश दिया। अभियान बसेरा फेस-2 की समीक्षा में बताया गया कि 2466 लाभुकों का सर्वेक्षण कर 1578 को भूमि पर्चा वितरित किया गया है, जबकि 662 लाभुक अयोग्य पाए गए। आधार सीडिंग में जिले की 83.8% जमाबंदियों को आधार से लिंक किया जा चुका है। डीएम ने शेष कार्य जल्द पूरा करने का आदेश दिया। बैठक में भूमि ई-मापी, परिमार्जन प्लस, अतिक्रमण हटाने, भू-लगान जमा कराने एवं राजस्व प्रशासन को डिजिटल व पारदर्शी बनाने के अन्य प्रयासों की भी विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में अपर समाहर्ता अनुग्रह नारायण सिंह, अपर समाहर्ता (आपदा) उपेंद्र पंडित, सदर डीसीएलआर श्वेतांक लाल, वरीय उपसमाहर्ता रितेश कुमार यादव, सभी अंचलाधिकारी, राजस्व अधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।  

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