अटल जयंती ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाई गई:हापुड़ में ‘अटल पथ’ का भी शुभारंभ, सीडीओ ने बताया राष्ट्रसेवा का प्रतीक

अटल जयंती ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाई गई:हापुड़ में ‘अटल पथ’ का भी शुभारंभ, सीडीओ ने बताया राष्ट्रसेवा का प्रतीक

हापुड़ में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाई गई। जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा नागर और सदर विधायक विजयपाल आढती ने ‘अटल पथ’ का शुभारंभ किया। विकास भवन से कलेक्ट्रेट की ओर जाने वाले मार्ग को ‘अटल पथ’ नाम देकर अटल जी के प्रति सम्मान और उनकी स्मृति को स्थायी रूप दिया गया। विकास भवन सभागार में एक समारोह आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा नागर और सदर विधायक विजयपाल आढती ने की। कार्यक्रम में ‘अटल पथ’ का भी शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष, सदर विधायक और मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु गौतम ने अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर और दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान वक्ताओं ने अटल जी के व्यक्तित्व, कृतित्व और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को याद किया। सदर विधायक विजयपाल आढती ने अपने संबोधन में बताया कि यह अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती है। उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उन्होंने तीन बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया और वे पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। विधायक आढती ने कहा कि अटल जी भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और उन्होंने ‘एक देश, एक राष्ट्र’ की भावना को मजबूत किया। सुशासन को व्यवहार में उतारते हुए उन्होंने शासन को जनता के प्रति जवाबदेह बनाया, यही कारण है कि उनकी जयंती ‘गुड गवर्नेंस डे’ के रूप में मनाई जाती है। उन्होंने अटल जी को एक संवेदनशील कवि और लेखक भी बताया। जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा नागर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन राष्ट्रसेवा, समावेशी विकास और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक रहा है। उनकी नीतियां और विचार आज भी देश को मजबूती प्रदान करते हैं और युवाओं को प्रेरित करते हैं।

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