एटीएस खंगाल रही मदरसों की कुंडली, विदेशी कनेक्शन:प्रयागराज समेत यूपी के अन्य जिलों में जांच, डॉटा तैयार कर रही एटीएस, विदेशी फंडिंग के रिकॉर्ड खंगाले

दिल्ली में हुए बम ब्लास्ट के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इसकी आंच यूपी के कई जिलों में भी पहुंची है। एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (ATS) ने प्रयागराज के मदरसों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। मदरसों के रिकार्ड के साथ ही वहां पढ़ने वाले छात्रों, मौलवियों और टीचरों का रिकार्ड भी जुटाया जा रहा है। प्रयागराज के अलावा कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा समेत जिलों के मदरसों के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। इसके लिए एंटी टेररिस्ट स्क्वायड के हेड क्वार्टर से बाकायदा अधिकृत लेटर जारी किया गया है। यह पत्र अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अलावा आला पुलिस अफसरों को भेजा गया है ताकि मदरसों और मौलवियों, छात्रों की जानकारी में मदद हो सके। इसका पूरा डॉटा कलेक्टशन एटीएस कर रही है। इसके बाद जांच का दायरा आगे बढ़ेगा। छात्र कहां के रहने वाले हैंं। मदरसों के हॉस्टलों में रहने वालों की संख्या, किन किन जिलों से आते हैं। टीचर कहां के हैं। मौलवियों की गतिवियां क्या हैं। खासकर यह देखा जा रहा है कि छात्र, मौलवी, प्रबंधक, उस्ताद (टीचर) विदेश यात्रा पर तो नहीं गए। यदि कोई गया तो कब गया, कब लौटा, किस काम से गया। उसके सगे संबंधी कब से विदेश में रह रहे हैं। एटीएस की यह जांच युद्ध स्तर पर गोपनीय शुरू हुई है। प्रयागराज में रहा है आतंकियों का बसेरा प्रयागराज में आतंकी गतिविधियों को लेकर सुरक्षा एजेंसियां पहले भी जांच कर चुकी हैंं। वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में हुए कुकर बम ब्लास्ट का मास्टर माइंड वली उल्ला प्रयागराज का ही रहने वाला है। फूलपुर के रहने वाले वली उल्ला ने सीरियल धमाकों की साजिश रची थी। वली उल्ला का भाई करेली में मदरसा चलाता था। सुरक्षा एजेंसियों ने मदरसे में लंबी पूछताछ की थी। इसके अलावा फूलपुर में आतंकियों को पनाह देने का मामला सामने आया था। यहां से निकले आतंकी लखनऊ में पकड़े गए थे। मदरसे में छापते थे जाली करेंसी हाल में ही अतरसुइया के एक मदरसे में जाली करेंसी छापने का भंडाफोड़ हुआ था। इसमें प्रबंधक, टीचर समेत तीन लोग पकड़े गए थे। महाकुंभ में 5 करोड़ रुपये खपाने की तैयारी थी। मदरसे में छापेमारी के दौरान सौ सौ की जाली करेंसी, छापने की मशीनें आदि बरामद हुई थीं। इसके बाद मदरसे को सील कर दिया गया था।

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