वंश-जाति पर मंदिर पुजारी की नियुक्ति जरूरी नहीं:केरल HC ने कहा- योग्यता और प्रशिक्षण को देखा जाना चाहिए

वंश-जाति पर मंदिर पुजारी की नियुक्ति जरूरी नहीं:केरल HC ने कहा- योग्यता और प्रशिक्षण को देखा जाना चाहिए

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति जाति या वंश के आधार पर नहीं हो सकती। ऐसा करना किसी आवश्यक धार्मिक प्रथा के रूप में नहीं माना जा सकता। यह काम योग्यता और प्रशिक्षण के आधार पर होना चाहिए। जस्टिस राजा विजयाराघवन वी और जस्टिस के.वी. जयकुमार की बेंच ने कहा… मंदिर में पुजारी की नियुक्ति एक धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि सेक्युलर/सिविल प्राधिकारी (ट्रस्टी) द्वारा किया जाने वाला काम है। किसी जाति या वंश के आधार पर नियुक्ति करना संविधान के तहत संवैधानिक सुरक्षा वाला अधिकार नहीं है। कोई भी प्रथा जो मानवाधिकार या सामाजिक समानता के खिलाफ हो, उसे कोर्ट मान्यता नहीं देगा। कोर्ट का ये कमेंट अखिल केरल थंथ्री समाजम (लगभग 300 पारंपरिक थांत्रि परिवार) की याचिका पर आया। यह संगठन उन परिवारों का प्रतिनिधित्व करता है जो पीढ़ियों से मंदिरों में पूजा करते आए हैं। संगठन ने थांत्र विद्या पीठों से प्रशिक्षित उम्मीदवारों को पुजारी बनाने की प्रक्रिया को चुनौती दी थी। दलील दी थी कि इससे ब्राह्मण परिवारों का पारंपरिक अधिकार खत्म हो रहा है। नियुक्ति आगम और थांत्रसमुचायम जैसी धार्मिक पुस्तकों के अनुसार होनी चाहिए। पूजा का अधिकार सिर्फ पारंपरिक थंथ्री परिवारों को ही मिलना चाहिए, लेकिन केरल देवस्वम बोर्ड और देवस्वम भर्ती बोर्ड ने नया नियम बनाया। इसके तहत किसी भी जाति या वंश का व्यक्ति, अगर उसने मान्यता प्राप्त थंथ्रा विद्यालय से पूजा की ट्रेनिंग ली है, तो वह पुजारी बन सकता है। ​​​​​​​थंथ्री समाज का कहना- सरकार या कोई बोर्ड दखल नहीं दे सकता वहीं, थंथ्री समाज इस नियम का विरोध में है। उसका कहना था कि मंदिर में पूजा कौन करेगा, यह धार्मिक मामला है। सरकार या कोई बोर्ड पुजारी की नियुक्ति के मामले में दखल नहीं दे सकता। यह नियम धार्मिक परंपराओं और ग्रंथों के खिलाफ है। थांत्र विद्या पीठ प्रणाली पर कोर्ट ने क्या कहा… ………………………………….. यह खबरें भी पढ़ें… केरल के गुरुवायूर मंदिर के खजाने में हेराफेरी: सोने का मुकुट चांदी से बदला, सिल्वर पॉट का वजन 1.19kg घटा; ऑडिट रिपोर्ट में खुलास केरल के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर, गुरुवायूर मंदिर के खजाने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ। राज्य की ऑडिट डिपार्टमेंट ने 2019-20 और 2020-21 की अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मंदिर में सोने-चांदी और अन्य कीमती सामानों के मैनेजमेंट में गंभीर अनियमितताएं हुईं हैं और सही प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। पूरी खबर पढ़ें… सबरीमाला मंदिर गोल्ड चोरी केस: मंदिर का पूर्व अधिकारी गिरफ्तार, कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड पर भेजा; SIT 6 हफ्ते में जांच रिपोर्ट पेश करेगी केरल के सबरीमाला मंदिर से गोल्ड कम होने के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT ) ने 22 अक्टूबर को मंदिर के पूर्व अधिकारी बी. मुरारी बाबू को चंगनाश्शेरी स्थित घर से गिरफ्तार किया था। SIT ने 23 अक्टूबर को बताया था कि मुरारी से तिरुवनंतपुरम के क्राइम ब्रांच ऑफिस में पूछताछ की गई थी। पूरी खबर पढ़ें…

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