महाराष्ट्र के खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे (Manikrao Kokate) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। नासिक जिला न्यायालय ने कोकाटे के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है। 1995 के धोखाधड़ी और जालसाजी मामले में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई 2 साल की सजा को जिला अदालत द्वारा बरकरार रखे जाने के बाद यह बड़ी कार्रवाई हुई है। इस वजह से प्रदेश के खेल मंत्री को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के वरिष्ठ नेता माणिकराव कोकाटे पर आरोप है कि उन्होंने जाली दस्तावेजों के जरिये सरकारी कोटे के फ्लैट हासिल किये थे। इस मामले में मजिस्ट्रेट अदालत ने 20 फरवरी को फैसला सुनाया था और एनसीपी नेता और उनके भाई विजय कोकाटे को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। मंगलवार (16 दिसंबर) को नासिक जिला कोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखा, जिसके बाद याचिकाकर्ता अंजलि दिघोले राठौड़ ने कोकाटे के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने के लिए अदालत में अर्जी दी थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आज अदालत ने वारंट जारी कर दिया।
हाईकोर्ट पहुंचे कोकाटे
अरेस्ट वारंट जारी होते ही माणिकराव कोकाटे ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की है और मामले की तत्काल सुनवाई की अपील की है। सूत्रों के मुताबिक, कोकाटे फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं, जिसकी जानकारी भी उनके वकील हाईकोर्ट को देंगे।
इस बीच सियासी गलियारों में चर्चा है कि यदि बॉम्बे हाईकोर्ट से उन्हें तुरंत राहत नहीं मिलती है, तो उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर एनसीपी प्रमुख अजित पवार से अपनी नाराजगी जताई है, जिससे कोकाटे की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई। फिलहाल यह फैसला लिया गया है कि जब तक हाईकोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता, तब तक कोकाटे के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी। हालांकि, अगर हाईकोर्ट सजा पर रोक लगाने से इनकार कर देता है, तो उनका इस्तीफा तय माना जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 1995 का है, माणिकराव कोकाटे पर सरकारी कोटे के तहत फ्लैट पाने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर करने और धोखाधड़ी करने का आरोप है। इस मामले में पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले (Tukaram Dighole) ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर धारा 420, 465, 471 और 47 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
छीन सकती है विधायकी
न्यायालय के इस फैसले से कोकाटे के राजनीतिक भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे है। यदि किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो उसकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो सकती है। ऐसे में माणिकराव कोकाटे का विधायक और मंत्री पद दोनों जा सकता है।
गौरतलब हो कि फडणवीस सरकार के कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे को इसी साल मार्च में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड के एनसीपी नेता धनंजय मुंडे से करीबी रिश्ते सामने आने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनसे इस्तीफा देने को कहा था।


