अमृतसर| अमनदीप हॉस्पिटल ने उजाला सिग्नस के सहयोग से ऑर्थोपेडिक सर्जरी में वैश्विक उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने विश्व में पहली बार एक कस्टम-मेड इम्प्लांट का उपयोग करके 71 वर्षीय मरीज की गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त ऊपरी पैर की हड्डी (टिबिया) का सफलतापूर्वक पुनर्निर्माण किया। मरीज 2012 में हुए हादसे के बाद से एक दशक से अधिक समय से दर्द, विकृति और चलने में कठिनाई झेल रहे थे। अमनदीप हॉस्पिटल की विशेषज्ञ टीम ने मरीज के पैर की संरचना के अनुरूप विशेष रूप से डिजाइन किए गए इम्प्लांट का उपयोग कर यह जटिल सर्जरी की। मुख्य ऑर्थोपेडिक सर्जन, डॉ. अवतार सिंह ने इसे ‘ विश्व में अपनी तरह की पहली सर्जरी’ बताते हुए नवाचार और टीमवर्क की ताकत को रेखांकित किया। डॉ. बाबा थोराट ने कहा कि अब जटिल पैर की हड्डी की समस्याओं का इलाज अमृतसर में ही विश्वस्तरीय देखभाल के साथ संभव है।


