लखनऊ के खुर्रम नगर में आठ साल पुराने ध्वस्तीकरण आदेश के बावजूद एक अवैध शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। एलडीए के उपाध्यक्ष (वीसी) प्रथमेश कुमार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच को बताया कि जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ एलडीए कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। यह मामला एक अवैध निर्माण से जुड़ा है, जिसे गिराने का आदेश आठ साल पहले दिया गया था। इसके बावजूद, एलडीए की सील हटाकर उस अवैध निर्माण को शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का रूप दे दिया गया। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 दिसंबर की तारीख तय की है और एलडीए वीसी को इस संबंध में सभी तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति राजीव भारती की खंडपीठ ने हेमंत कुमार मिश्रा द्वारा वर्ष 2016 में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। पिछली सुनवाई के दौरान, एलडीए के अधिवक्ता ने स्वीकार किया था कि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स अवैध है और इसे सील किया गया था। हालांकि, अवैध कब्जेदारो ने सील तोड़कर निर्माण पूरा कर लिया था, जिसके संबंध में गुडंबा थाने में एक एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। इस पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों का ब्यौरा तलब किया था। न्यायालय ने कहा है कि अगली सुनवाई पर वह इस तथ्य पर भी विचार करेगी कि क्या ध्वस्तीकरण का आदेश जारी होने के बाद सील इमारत की सीलिंग हटाकर गैर कानूनी तरीके से किए गए निर्माण को भी प्रशमित (कम्पाउंड) किया जा सकता है। न्यायालय ने दर्ज एफआईआर की स्थिति भी बताने का आदेश दिया है।


