पीलीभीत ने जनसुनवाई (आईजीआरएस) के प्रकरणों के निस्तारण में उत्तर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह के कुशल नेतृत्व और अधिकारियों की तत्परता से जिले ने यह महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की। इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने सोमवार को गांधी सभागार में एक विशेष बैठक बुलाई। उन्होंने जनसुनवाई के प्रकरणों के निस्तारण में सभी विभागों द्वारा दिखाई गई तत्परता और गंभीरता की सराहना की। डीएम ने अधिकारियों को बधाई देते हुए भविष्य में भी ऐसी ही कार्यशैली बनाए रखने के निर्देश दिए। जनपद स्तर पर इस उत्कृष्ट प्रदर्शन को सुनिश्चित करने में तहसील अधिकारियों की कड़ी मेहनत का योगदान रहा। जनसुनवाई के मामलों के निस्तारण में पूरनपुर, अमरिया और बीसलपुर तहसीलों ने जिले में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। पूरनपुर तहसील ने उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) अजीत प्रताप की पहल और प्रभावी निगरानी के कारण पहला स्थान प्राप्त किया। एसडीएम मयंक गोस्वामी के नेतृत्व में अमरिया तहसील ने भी जन शिकायतों के निस्तारण में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इसी प्रकार, एसडीएम नागेंद्र पांडे की सक्रियता से बीसलपुर तहसील भी शीर्ष तीन में शामिल हुई। तीनों तहसीलों को संयुक्त रूप से जनपद में पहला स्थान मिला है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जनसुनवाई प्रणाली का मुख्य उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण समाधान करना है। उन्होंने जोर दिया कि शिकायतों के निस्तारण में केवल संख्या बल नहीं, बल्कि गुणवत्ता सबसे महत्वपूर्ण है, ताकि फरियादी को वास्तविक न्याय मिल सके। यह उपलब्धि दर्शाती है कि जिला प्रशासन जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है और मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप शासन को जनता के द्वार तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। डीएम ने सभी अधिकारियों को इस गति को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोई भी वैध शिकायत बिना निस्तारण के न रहे।


