ग्वालियर में रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया था। उनसे 2.53 करोड़ रुपए की ठगी के मामले में शनिवार को पुलिस ने हरदा से एक आरोपी को पकड़ा है। पकड़े गए आरोपी के अकाउंट में ठगी की रकम से 4.95 लाख रुपए ट्रांसफर हुए थे। इस मामले में पुलिस नागदा, उज्जैन, दिल्ली, नोएड़ा व प्रयागराज (यूपी), गुजरात से पूर्व में 19 आरोपियों को पकड़ चुकी है। जिसमें बैंक मैनेजर, कैशियर से लेकर कई आरोपी शामिल हैं। ग्वालियर में यह डिजिटल अरेस्ट का सबसे बड़ा मामला था। इस केस में ठगों का नेटवर्क दुबई तक सामने आया था। पकड़े गए आरोपी ने अपनी मां के नाम से अकाउंट ओपन कराया था और उसमें अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड कराया था। डीएसपी क्राइम नागेंद्र सिंह सिकरवार, एसडीओपी बेहट मनीष यादव के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच अमित शर्मा द्वारा साइबर क्राइम प्रभारी धर्मेंद्र कुशवाह के नेतृत्व में साइबर क्राइम विंग की टीम को उक्त साइबर फ्रॉड में शामिल शेष आरोपियों को पकड़ने लगाया गया। पता चला कि ठगी की राशि में से 4 लाख 95 हजार रुपए हरदा निवासी एक व्यक्ति के बैंक खाते में स्थानांतरित हुए हैं। पुलिस ने हरदा पहुंचकर आरोपी को पकड़ा है। पूछताछ में आरोपी की पहचान अखिलेश पिता रामजीवन विश्नोई (27) के रूप में हुई है। वह हरदा जिले की खिरकिया तहसील के ग्राम बारंगा का निवासी है। अखिलेश ने अपनी मां के नाम पर बैंक खाता खुलवाया था। इस बैंक अकाउंट में उसने अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड कराया था। अकाउंट में पैसा आते ही वह चेक के माध्यम से कैश निकालता था। पुलिस आरोपी को हरदा से लेकर ग्वालियर लौट आई है। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। ऐसे समझिए पूरा मामला
ग्वालियर में रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को 17 मार्च को मोबाइल नंबर 9730742847 से पहली बार फोन किया गया था। कॉल करने वाले ने खुद को नासिक पुलिस का अफसर बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ नासिक थाने में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में एफआईआर दर्ज है। जब पूछा कि किस मामले में तो कॉल करने वाले ने बताया कि नरेश गोयल को आप जानते हैं। जब उन्होंने इनकार किया तो ठग ने बताया कि नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में पकड़ा गया था और उसके पास से जो अकाउंट मिला है, वह आपके नाम पर और आधार पर है। इसके बाद फर्जी इंस्पेक्टर ने सुप्रदिप्तानंद को कैनरा बैंक के एक अकाउंट की डिटेल भेजी जो उनके नाम पर था। अकाउंट सुप्रदिप्तानंद के आधार कार्ड से संचालित हो रहा था। इस खाते में करीब 20 करोड़ का ट्रांजेक्शन दिखाया। ठग ने इसकी पीडीएफ और स्टेटमेंट की कॉपी उनके वॉट्सऐप पर भेजी। यह खाता खुद का होने से इनकार करने और इस तरह की गतिविधि में शामिल नहीं होने की बात कहने पर ठग ने मामले की जांच करने की बात की। कॉल करने वाले ने सुप्रदिप्तानंद से आश्रम के अकाउंट की पूरी डिटेल ली। इसके बाद इन्फोर्समेंट एजेंसी और अन्य संस्थाओं के दस्तावेज भेजे, जिनमें सुप्रदिप्तानंद का नाम मेंशन था। ठग ने जांच के नाम पर आश्रम के फंड से 2 करोड़ 52 लाख 99 हजार रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए। ठग ने झांसा दिया कि जांच के बाद अगर पैसा मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित नहीं हुआ तो वापस कर दिया जाएगा। जब ठगी का अहसास हुआ तो सचिव ने क्राइम ब्रांच पहुंचकर मामला दर्ज कराया। एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया- रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव के साथ ठगी में क्राइम ब्रांच ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसके अकाउंट में 4 लाख 95 हजार रुपए ट्रांसफर हुए थे। आरोपी से पूछताछ की जा रही है।


