अररिया व्यवहार न्यायालय में गुरुवार को फारबिसगंज थाना क्षेत्र की एक विवाहित महिला ने 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। उसने आरोप लगाया है कि उसे धोखे से अगवा कर महीनों तक बंधक बनाया गया, मारपीट की गई और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया। पीड़िता के अनुसार, नरपतगंज थाना क्षेत्र के पलासी गांव निवासी आरोपी मो. आलम आजाद ने उसे फोन पर झांसा दिया कि उसके पति ने उसे बुलाया है। विश्वास में आकर वह घर से निकली तो आलम आजाद उसे जबरन अपनी कार में बैठाकर सुपौल जिले के वीरपुर प्रखंड के भीमपुर गांव ले गया। विदेश में बेचने की नीयत से बनाया कागज वहां कई दिनों तक बंधक रखने के बाद उसे अररिया लाया गया, जहां जबरदस्ती एक कागज पर हस्ताक्षर करवाकर नोटरी करा लिया गया। पीड़िता का आरोप है कि यह कागज उसे विदेश में बेचने की नीयत से तैयार करवाया गया था। इसके बाद उसे भीमपुर और फिर आलम के पैतृक गांव पलासी में कैद रखा गया। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि परिजनों ने मिलकर उसे आपत्तिजनक खाद्य पदार्थ खिलाने और धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गई और बच्चे को मारने की धमकी भी दी गई। सहरसा से ट्रेन पकड़वाकर ले गया दिल्ली अंत में, आरोपी आलम आजाद उसे सहरसा से ट्रेन पकड़वाकर दिल्ली ले गया, जहां कई दिनों तक एक किराए के मकान में बंधक बनाकर रखा। लंबे समय तक कैद और उत्पीड़न के बाद पीड़िता किसी तरह अपने घर वापस लौटी। डर और सामाजिक कलंक के कारण पीड़िता पहले चुप रही, लेकिन अब हिम्मत जुटाकर अपने पति के साथ मिलकर उसने न्यायालय की शरण ली है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है, क्योंकि पीड़िता ने सीधे कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया है। अररिया व्यवहार न्यायालय में गुरुवार को फारबिसगंज थाना क्षेत्र की एक विवाहित महिला ने 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। उसने आरोप लगाया है कि उसे धोखे से अगवा कर महीनों तक बंधक बनाया गया, मारपीट की गई और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया। पीड़िता के अनुसार, नरपतगंज थाना क्षेत्र के पलासी गांव निवासी आरोपी मो. आलम आजाद ने उसे फोन पर झांसा दिया कि उसके पति ने उसे बुलाया है। विश्वास में आकर वह घर से निकली तो आलम आजाद उसे जबरन अपनी कार में बैठाकर सुपौल जिले के वीरपुर प्रखंड के भीमपुर गांव ले गया। विदेश में बेचने की नीयत से बनाया कागज वहां कई दिनों तक बंधक रखने के बाद उसे अररिया लाया गया, जहां जबरदस्ती एक कागज पर हस्ताक्षर करवाकर नोटरी करा लिया गया। पीड़िता का आरोप है कि यह कागज उसे विदेश में बेचने की नीयत से तैयार करवाया गया था। इसके बाद उसे भीमपुर और फिर आलम के पैतृक गांव पलासी में कैद रखा गया। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि परिजनों ने मिलकर उसे आपत्तिजनक खाद्य पदार्थ खिलाने और धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गई और बच्चे को मारने की धमकी भी दी गई। सहरसा से ट्रेन पकड़वाकर ले गया दिल्ली अंत में, आरोपी आलम आजाद उसे सहरसा से ट्रेन पकड़वाकर दिल्ली ले गया, जहां कई दिनों तक एक किराए के मकान में बंधक बनाकर रखा। लंबे समय तक कैद और उत्पीड़न के बाद पीड़िता किसी तरह अपने घर वापस लौटी। डर और सामाजिक कलंक के कारण पीड़िता पहले चुप रही, लेकिन अब हिम्मत जुटाकर अपने पति के साथ मिलकर उसने न्यायालय की शरण ली है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है, क्योंकि पीड़िता ने सीधे कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया है।


