Dipu Chandra Das Lynching: बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या करने के मामले में चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। पहले बताया गया था कि दीपू की हत्या ईशनिंदा के कारण हुई थी। हालांकि, अब ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस की जांच और परिवार के सदस्यों के साथ-साथ स्थानीय प्रतिनिधियों के बयानों से एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यस्थल विवाद के कारण ही दीपू की हत्या हुई थी।
भीड़ ने की थी दीपू की हत्या
बता दें कि छात्र नेता उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में आक्रोश फैल गया। इसी बीच भीड़ ने हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। हादी सरकार विरोधी प्रदर्शनों में एक प्रमुख चेहरा थे, जिनके कारण शेख हसीना सरकार का पतन हुआ था।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो
दीपू चंद्र दास की हत्या के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें दास को ईशनिंदा का आरोप लगाने वाली भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डाला जा रहा है और उसके शरीर को एक पेड़ से बांधकर आग लगा दी जा रही है।
दरअसल, शुरुआत में बताया गया कि हिंदू युवक दास की हत्या धर्म का अपमान करने के कारण हुई थी।
‘दीपू ने पदोन्नति के लिए दी थी परीक्षा’
रिपोर्ट्स के मुताबिक मृतक के परिवार ने बताया कि उस दिन कारखाने के अंदर तनाव बढ़ गया था। हाल ही में दीपू दास ने मैनेजर से सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति के लिए परीक्षा दी थी। दीपू का अपने पद को लेकर कई सहकर्मियों से विवाद भी था।
18 दिसंबर को दास को उनकी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया, जिसके तुरंत बाद उन पर धर्म का अपमान करने के आरोप लगाए गए। हालांकि इस पर पुलिस का कहना है कि इन आरोपों का कोई सबूत नहीं है।
दीपू के खिलाफ नहीं मिले सबूत
वहीं पुलिस और RAB को अभी तक दीपू के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है, जिसमें यह साबित हो सके कि उसने धर्म का अपमान किया था। पुलिस का कहना है कि ईशनिंदा के आरोप फिलहाल मौखिक रूप से सुनी गई बातों पर आधारित हैं।


