एक सप्ताह से पीलिया से पीड़ित अधेड़ का परिजन झाडफ़ूंक करा रहे थे। उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। परेशान अधेड़ ने चाकू से अपना गला काट लिया। उसकी इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मौत हो गई। मृतक रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ का निवासी है। जानकारी के मुताबिक, धरमजयगढ़ निवासी अबू चंद यादव करीब दो सालों से अपनी बड़ी बहन के घर पत्थलगांव में रह रहा था। एक सप्ताह से उसे पीलिया से पीड़ित होने की जानकारी मिली। परिजन डॉक्टरों से इलाज कराने के बजाय उसका झाड़फूंक कराते रहे। इससे अंबू चंद यादव की हालत बिगड़ती जा रही थी और वह परेशान था। चाकू से काटा अपना गला, हॉस्पिटल में मौत
रविवार को अबू चंद यादव ने चाकू से अपना गला काट लिया। अंबू चंद यादव के गले से तेजी से खून निकलने लगा। उसे परिजन तत्काल पत्थलगांव हॉस्पिटल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। अंबू चंद यादव को गंभीर अवस्था में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में दाखिल कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों के अनुसार गले की नस कटने से अत्यधिक ब्लडिंग के कारण उसकी जान चली गई। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस ने परिजनों का बयान भी दर्ज किया है। परिजनों ने आशंका जताई है कि पीलिया से परेशान होकर ही अंबू चंद यादव ने अपना गला काट लिया था। पीलिया में झाड़फूंक की परंपरा
चिकित्सकों के अनुसार पीलिया लिवर का इन्फेक्शन है। पीलिया हेपेटाइटिस ए या हेपेटाइटिस ई वायरस के कारण होता है। ये दोनों वायरस दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलते हैं। सरगुजा अंचल में बड़ी लोग पीलिया होने पर झाड़फूंक कराते हैं, इससे पीड़ित की हालत बिगड़ जाती है। यह अंधविश्वास है कि झाड़फूंक से पीलिया की बीमारी ठीक हो सकती है। इसके कारण कई लोगों की मौत भी हो जाती है।


