गुना में वन विभाग का यू-टर्न:अतिक्रमण हटाने 60 JCB में डीजल भराया, खाना बना, फिर आदेश आया- रुक जाओ

गुना में वन विभाग का यू-टर्न:अतिक्रमण हटाने 60 JCB में डीजल भराया, खाना बना, फिर आदेश आया- रुक जाओ

गुना जिले के बमोरी इलाके में वन विभाग की एक बड़ी कार्रवाई ऐन वक्त पर स्थगित कर दी गई। विभाग ने सारेठा गांव में करीब 3000 बीघा वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए पूरी तैयारी कर ली थी। 100 से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई, 60 जेसीबी मशीनों में डीजल भी भरवा लिया गया, लेकिन कार्रवाई शुरू होने से पहले ही रोक दी गई। डीएफओ ने ग्रामीणों द्वारा पट्टे का दावा करने पर सीमांकन के बाद कार्रवाई की बात कही है। मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग को सूचना मिली थी कि बमोरी इलाके के सारेठा गांव में बड़ी माता क्षेत्र में फॉरेस्ट की जमीन पर पिछले कुछ वर्षों में अतिक्रमण हुआ है। लगभग ढाई से तीन हजार बीघा फॉरेस्ट की जमीन पर कब्जा हो चुका है। अधिकारियों ने जांच में अतिक्रमण की पुष्टि भी कर ली थी। 22 अक्टूबर को जारी हुआ था आदेश
अतिक्रमण हटाने के लिए अक्टूबर महीने में प्लानिंग की गई। 22 अक्टूबर को डीएफओ अक्षय राठौर ने आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया कि “वन परिक्षेत्र बमोरी अंतर्गत बीट सारेठा में अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही दिनांक 24.10.2025 को वन, पुलिस एवं राजस्व विभाग की संयुक्त कार्यवाही कर किया जाना है।” जिले भर से बुलाया गया था अमला
आदेश के तहत जिले के कई सब डिविजन के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। इसमें फतेहगढ़ और बमोरी का पूरा अमला, गुना उत्तर और दक्षिण का संपूर्ण महिला अमला और 12-12 पुरुष कर्मचारी, आरोन से 7, बीनागंज से 12, राघौगढ़ से 8 और मधुसुदनगढ़ से संपूर्ण महिला अमला व 12 पुरुष कर्मचारियों को बुलाया गया था। 60 जेसीबी तैयार थीं, खाना भी बन गया था
कार्रवाई के लिए 100 से ज्यादा का वन अमला 23 अक्टूबर को ही बमोरी पहुंच गया था। वहां अमले के लिए खाने की तैयारी होने लगी, जिसके वीडियो भी सामने आए हैं। सूत्रों की मानें तो कार्रवाई के लिए 60 जेसीबी तैयार की गई थीं, जिनमें कुछ राजस्थान से मंगाई गई थीं। इनमें डीजल भी भरवा लिया गया था। अचानक वापस बुला ली गई टीम
24 अक्टूबर की सुबह कार्रवाई शुरू होनी थी, लेकिन उससे पहले ही अचानक पूरी टीम को वापस बुला लिया गया। रात में ही कार्रवाई स्थगित कर दी गई। एकदम से कार्रवाई रोकने का क्या कारण रहा, यह उस समय किसी भी निचले कर्मचारी को समझ नहीं आया। डीएफओ बोले- ग्रामीण पट्टे बता रहे, जांच जरूरी
इस मामले में डीएफओ अक्षय राठौर ने बताया, “वहां के ग्रामीण कुछ अपने पट्टे बता रहे हैं। दरअसल, सारेठा पुराना वन ग्राम था। हम लोगों ने अपने रिकॉर्ड्स के हिसाब से तो निकाल लिया था कि हमने कौन से पट्टे दिए थे। उसके अलावा भी ग्रामीण पट्टे बता रहे हैं। तो हमें लगा कि पहले एक बार इसे चेक कराना पड़ेगा। अभी जांच के लिए बोल दिया है एसडीओ को। सीमांकन हम लोग करा रहे हैं, जिससे पता लग जाए कि कौनसा किसका है। ताकि गलत जगह कार्रवाई न हो।”

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