हिसार जिले के बास थाना क्षेत्र में पराली जलाने के मामलों पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। मैहन्दा और घुसकानी गांवों में पराली जलाने की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने संबंधित किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं। एक किसान से 5000 रुपये का चालान भी वसूला गया है। मैहन्दा गांव में किसान पर जुर्माना पहला मामला गांव मैहन्दा का है, जहां कृषि, राजस्व और पंचायती राज विभाग की संयुक्त टीम ने निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि गांव निवासी किसान दिनेश ने लगभग 1 एकड़ क्षेत्र में धान की पराली जलाई थी। यह कार्य भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 और वायु (प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 का उल्लंघन है। टीम में पटवारी गुरमीत सिंह, कृषि पर्यवेक्षक मनोज, ग्राम सचिव भूपेंद्र और नंबरदार शामिल थे। विभाग ने किसान दिनेश से 5000 रुपये का चालान वसूला, जिसकी रसीद 9 नवंबर 2025 को जारी की गई। बास थाना पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। घुसकानी गांव में भी दर्ज हुई एफआईआर दूसरा मामला गांव घुसकानी (ग्राम पंचायत उगालन) का है। हरसैक द्वारा भेजी गई सैटेलाइट लोकेशन के आधार पर गांव स्तरीय समिति ने मौके पर जांच की। समिति में कृषि पर्यवेक्षक विकास, ग्राम सचिव रवि और पटवारी विनोद कुमार शामिल थे। जांच में पुष्टि हुई कि गांव निवासी किसान राममेहर ने लगभग 1 एकड़ क्षेत्र में पराली जलाई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 223(ए) और वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत एफआईआर दर्ज की है। प्रशासन ने दी चेतावनी, वैकल्पिक उपाय अपनाने की अपील दोनों मामलों की सूचना बास थाना के एसएचओ बलवान सिंह को दे दी गई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पराली जलाना एक कानूनी अपराध है, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है और यह कानून के तहत दंडनीय है। अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे पराली प्रबंधन के वैकल्पिक उपाय अपनाएं, अन्यथा सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


